एशियन यूथ पैरा गेम्स में दिव्यांशी सतीजा को सिल्वर

प्रदेश सरकार की ओर बेहतर खेल नीति के चलते बेटियां देश-विदेश

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 08:58 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 08:58 AM (IST)
एशियन यूथ पैरा गेम्स में दिव्यांशी सतीजा को सिल्वर
एशियन यूथ पैरा गेम्स में दिव्यांशी सतीजा को सिल्वर

जागरण संवाददाता, करनाल : प्रदेश सरकार की ओर बेहतर खेल नीति के चलते बेटियां देश-विदेश में हरियाणा का नाम रोशन कर रही है। कर्ण स्टेडियम में तैनात जूडो प्रशिक्षक रितू मान मूंड जहां लेबनान में आयोजित मुकाबलों के लिए भारतीय टीम का नेतृत्व मिला है वहीं एशियन यूथ पैरा गेम्स में फरीदाबाद की दिव्यांशी सतीजा ने सिल्वर मेडल कब्जाया है। बहरीन में दो से छह दिसंबर तक आयोजित एशियन यूथ पैरा गेम्स के मुकाबले चल रहे हैं।

कर्ण स्टेडियम में तैराकी के प्रशिक्षक कंवलजीत संधू के नेतृत्व 62 खिलाड़ियों की टीम उक्त मुकाबलों के लिए बेहरीन के लिए रवाना हुई थी। भारतीय टीम में हरियाणा से एक खिलाड़ी फरीदाबाद वासी दिव्यांशी हैं, जिसने मुकाबलों के चौथे दिन सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। प्रशिक्षक संधू ने जागरण को जानकारी दी कि दिव्यांशी इससे पहले इंडोनेशिया में आयोजित एशियन पैरा गेम्स में सिल्वर व ब्रांज और दुबई में एशियन यूथ पैरा गेम्स में गोल्ड-सिल्वर मेडल कब्जा चुकी है। सात बार भारतीय टीम का नेतृत्व

कर्ण स्टेडियम के तैराकी प्रशिक्षक कंवलजीत संधू के अनुसार उन्होंने 2014 में खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में तैनाती ली थी। इससे पहले पुलिस विभाग में भी दस साल तक बतौर प्रशिक्षक जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। संधू ने इस बार अपने करियर में सातवीं बार भारतीय टीम का नेतृत्व किया है। दिव्यांशी ने अधिकतर मुकाबलों में हमेशा मेडल पर कब्जा किया है और इस बार भी सिल्वर जीत कर बेटियों का सिर ऊंचा किया है। दिव्यांशी की सफलता पर खुशी

जिला खेल अधिकारी प्रदीप पालीवाल ने बताया कि पैरा स्वीमिग में दिव्यांशी ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में हरियाणा का नाम रोशन किया है। इससे पहले भी प्रशिक्षक कंवलजीत संधू के नेतृत्व में दिव्यांशी ने मेडल हासिल किए हैं और इस बार भी प्रदेश की झोली में पदक डाला है। मजबूत जज्बा रखने वाला खिलाड़ी कभी शरीर की कमजोरी को हावी नहीं होने देता है और उनमें दिव्यांशी भी एक है। पालीवाल ने बताया कि प्रदेश सरकार की बेहतर खेल नीति का परिणाम है कि बेटियों को आगे बढ़ने का मौका मिला है। इसमें जूडो कोच रितू मान का नाम भी शामिल है जो भारतीय टीम का नेतृत्व करने के लिए 29 नवंबर को लेबनान के लिए रवाना हुई हैं। दिव्यांशी के मेडल जीतने पर खिलाड़ियों में खुशी है।

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