ग्रीन बेल्ट की उजड़ रही हरियाली, सुध लेने वाला कोई नहीं

शहर के प्रत्येक सेक्टर के साथ ग्रीन बेल्ट विकसित करने का प्लान कर्ण पार्क में बना और लोगू भी हुआ। लेकिन साफ सफाई न होने के कारण यह योजना प्रभावित हो रही है ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 07:45 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:45 AM (IST)
ग्रीन बेल्ट की उजड़ रही हरियाली, सुध लेने वाला कोई नहीं
ग्रीन बेल्ट की उजड़ रही हरियाली, सुध लेने वाला कोई नहीं

अश्विनी शर्मा, करनाल : शहर के प्रत्येक सेक्टर के साथ ग्रीन बेल्ट विकसित करने का प्लान कर्ण नगरी की सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए तैयार हुआ था। हुआ भी ऐसा ही। सेक्टर बसे और ग्रीन बेल्ट भी विकसित हुई। हरियाली से सराबोर यह ग्रीन बेल्ट बिना रखरखाव अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। ग्रीन बेल्ट देखकर लगता है कि यहां सालों से कोई सफाई करने नहीं आया।

एक तरफ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ताऊ देवी लाल चौक से सेक्टर छह बाइपास तक हाईवे पर ग्रीन बेल्ट को विकसित करने का प्लान तैयार हो चुका है, जबकि अन्य क्षेत्रों में बनी ग्रीन बेल्ट की कोई सुध लेने वाला भी नहीं है। इस मुद्दे को उठाते हुए दैनिक जागरण की ओर से ग्रीन बेल्ट को कब्जा मुक्त करें नाम से अभियान शुरू किया गया है। अभियान की शुरुआत के साथ ही लोगों ने इसे साधुवाद देते हुए कहा कि यह अभियान निश्चित तौर पर शहर के लोगों की एक बड़ी समस्या का समाधान करेगा। अभियान के पहले ही दिन नगर निगम का सहयोग भी मिल गया है। ग्रीन बेल्ट के रखरखाव के लिए निगम की एक ओर एक सप्ताह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इन सेक्टर की ग्रीन बेल्ट को रखरखाव की जरूरत

सेक्टर नौ, सेक्टर आठ, सेक्टर सात, सेक्टर छह व सेक्टर पांच और सेक्टर 32-33 के साथ साथ और इन सेक्टर की मुख्य सड़कों पर ग्रीन बेल्ट का एरिया छोड़ा गया। लेकिन इन सभी को रखरखाव की दरकार है। दो विभागों के बीच फंसी ग्रीन बेल्ट

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से शहर में सेक्टरों का विकास किया गया। तब लोगों को साफ-सुधरा वातावरण देने के उद्देश्य से प्रत्येक सेक्टर में हरियाली के लिए ग्रीन बैल्ट के नाम से जमीन छोड़ी गई। ताकि यहां पौधारोपण करके हरियाली का दायरा बढ़ाया जाए, ताकि लोग सुबह व शाम की सैर करते हुए सुकून का अनुभव कर सकें। लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता ग्रीन बेल्ट का अस्तित्व खतरे में जा रहा है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के विकसित हो चुके सेक्टर अब नगर निगम के अधीन आ चुके हैं। इनमें कुछ ग्रीन बेल्ट अभी भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास है और कुछ का रखरखाव निगम के अधीन आ चुका है। इसके बावजूद न तो नगर निगम ग्रीन बेल्ट का रखरखाव कर रहा है और न प्राधिकरण। दो विभागों के बीच फंसकर ग्रीन बेल्ट की सुंदरता पर ग्रहण लगता जा रहा है। आलम यह है कि ग्रीन बेल्ट में वर्षो से पौधारोपण के नाम पर एक भी पौधा नहीं लगाया गया है और ना ग्रीन बेल्ट के पेड़ों की गिनती करवाई गई है। हरियाली उड़ने पर क्यों मौन प्रशासन: कर्ण सिंह

एडवोकेट कर्ण सिंह का कहना है कि हरियाली उजड़ने पर प्रशासन मौन क्यों है। ग्रीन बेल्ट की हरियाली यूं ही उजड़ती गई तो यह बड़ी चिता का विषय बन जाएगा। इसके लिए सबसे पहले ग्रीन बेल्ट में पौधारोपण की योजना बननी चाहिए। इसके विकास के लिए प्रशासन को गंभीरता से काम करना चाहिए। लोग नहीं कर पा रहे सैर

सेक्टर नौ निवासी बीर सिंह राणा का कहना है कि ग्रीन बेल्ट बदहाल होने की वजह से लोगों को मजबूरी में सड़कों पर सैर करना पड़ता है। क्योंकि ग्रीन बेल्ट इस लायक नहीं रही है कि उसमें जाकर लोग सैर कर सकें। इस संबंध में प्रशासन को कारगर प्रयास करने चाहिए।

निगम की बागवानी शाखा को दिए जाएंगे निर्देश: डीएमसी

उप नगर निगम आयुक्त धीरज कुमार ने दैनिक जागरण के इस अभियान को साधुवाद देते हुए कहा कि निश्चित तौर पर नगर निगम ग्रीन बेल्ट के रखरखाव के लिए गंभीर प्रयास करेगा। एक सप्ताह के लिए नगर निगम की ओर से ग्रीन बेल्ट के रखरखाव का अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में निगम की बागवानी शाखा को निर्देश दिए जाएंगे कि जो ग्रीन बेल्ट निगम के अधीन है, उसका रखरखाव प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

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