लाखों का लिफ्टिग टेंडर होने के बावजूद गली-नुक्कड़ पर कचरे के ढेर

शहर में सफाई व्यवस्था के हालात ठीक नहीं है। सफाई व कचरा कलेक्शन को लेकर शुरू की गई योजनाएं लगभग विफल हो चुकी हैं। कचरा उठान का कार्य भी खानापूर्ति बनकर रह गया है। लिफ्टिग के लिए लाखों रुपए का ठेका छोड़े जाने के बावजूद गली-नुक्कड़ व चौक-चौराहों पर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:25 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:25 AM (IST)
लाखों का लिफ्टिग टेंडर होने के बावजूद गली-नुक्कड़ पर कचरे के ढेर
लाखों का लिफ्टिग टेंडर होने के बावजूद गली-नुक्कड़ पर कचरे के ढेर

संवाद सहयोगी, घरौंडा: शहर में सफाई व्यवस्था के हालात ठीक नहीं है। सफाई व कचरा कलेक्शन को लेकर शुरू की गई योजनाएं लगभग विफल हो चुकी हैं। कचरा उठान का कार्य भी खानापूर्ति बनकर रह गया है। लिफ्टिग के लिए लाखों रुपए का ठेका छोड़े जाने के बावजूद गली-नुक्कड़ व चौक-चौराहों पर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं।

जितने में नगरपालिका द्वारा सिर्फ लिफ्टिग का ठेका छोड़ा गया है, उतने में सफाई और लिफ्टिग दोनों का टेंडर छोड़ा जाता था। महज 29 कर्मचारियों के सहारे लिफ्टिग कार्य खिसक-खिसक कर चल रहा है। चरमराई सफाई व्यवस्था का दूसरा बड़ा कारण सफाई कार्य का ठेका न होना भी बताया जा रहा है। मौजूदा समय में नगरपालिका के महज 19 कर्मचारियों पर पूरे शहर की सफाई का जिम्मा है। बिगड़े हालात में नगरपालिका स्वच्छता के मामले में अग्रणी स्थान प्राप्त करने का दावा कर रही है। अधिकारियों का दावा है कि जो भी कमी है, उसे समय रहते पूरा कर लिया जाएगा।

वर्ष-2018 के स्वच्छ सर्वेक्षण (नार्थ जोन) में नगरपालिका ने बेस्ट सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रेक्टिस का खिताब हासिल किया। तब पालिका 92 सफाई कर्मचारियों के साथ शहर की सफाई व्यवस्था को मेंटेन कर रही थी, लेकिन मौजूदा समय में पालिका के पास महज 48 कर्मचारी हैं। नगरपालिका ने लाखों रुपए खर्च करके घर-घर जाकर करीब 16 हजार डस्टबीन बांटे ताकि लोग गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र कर सकें। बाद में गीले-कचरे को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।

मौजूदा हालात यह हैं कि लोगों ने डस्टबीन को कचरे के बजाए घरेलू इस्तेमाल में प्रयोग किया है। कचरे से खाद का प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में चला गया। लिफ्टिग के कार्य से शहर के लोग भी संतुष्ट नहीं है। गलियों में कचरे के ढेर लगे रहते हैं और लिफ्टिग ही नहीं हो पाती।

लिफ्टिग का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जाता है। सफाई को लेकर कोई ठेका नहीं छोड़ा गया है। मौजूदा कर्मचारियों से ही सफाई करवाई जा रही है। आगामी महीनों में कर्मचारियों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा, ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण में नगरपालिका अग्रणी स्थान पर आए।

-रविप्रकाश शर्मा, सचिव, नगरपालिका, घरौंडा।

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