संपत्ति क्षति पूर्ति कानून को रद करने की मांग

कर्मचारी और किसान संगठनों ने संपत्ति क्षति पूर्ति कानून हरियाणा 2021 को निरस्त करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जिला सचिवालय में डीआरओ को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:35 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:35 AM (IST)
संपत्ति क्षति पूर्ति कानून को रद करने की मांग
संपत्ति क्षति पूर्ति कानून को रद करने की मांग

जागरण संवाददाता, करनाल : कर्मचारी और किसान संगठनों ने संपत्ति क्षति पूर्ति कानून हरियाणा 2021 को निरस्त करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जिला सचिवालय में डीआरओ को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इससे पहले फव्वारा पार्क में सभा की गई। संपत्ति क्षति पूर्ति कानून की खामियों पर चर्चा करने के बाद कहा गया कि यह कानून किसी भी सूरत में देश हित में नहीं है। इस कानून द्वारा पुलिस व कार्यपालिका को असीमित शक्ति प्रदान कर दी गई है, इसलिए यह लोकतंत्र पर कुठाराघात है और अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन करता है। अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, सर्व कर्मचारी संघ, सीटू, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान सभा, भारतीय खेत मजदूर यूनियन, जनवादी महिला समिति, ज्ञान विज्ञान समिति व रिटायर्ड कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि संपत्ति क्षति के संबंध में पहले से ही भारतीय दंड संहिता में व्याप्त धाराएं मौजूद हैं, इसलिए नए कानून की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीने से चल रहा किसान आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्वक है और इस दौरान किसी भी प्रकार की संपत्ति को क्षति पहुंचाए जाने की कोई घटना नहीं हुई। अलबत्ता राज्य सरकार द्वारा सड़कों को खोदने के मामले सर्वविदित हैं। इस अवसर पर शीशपाल, जगमाल सिंह, जगपाल राणा, सुशील गुर्जर, जोगा सिंह, बीर सिंह लाठर, रीना, रणजीत, सियानंद परोचा, वाईपी यादव, राममेहर, जरासा व पार्वती तनेजा आदि मौजूद रहे।

लोक अदालत में निपटाए नौ केस

जागरण संवाददाता, करनाल : जिला कारागार में मुख्य दंडाधिकारी जसबीर द्वारा मंगलवार को जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें 11 विचाराधीन केस को लिए गए। सीजेएम ने बताया कि 9 केसों का मौके पर निपटारा कर दिया गया, जिनमें विचाराधीन कैदियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और भविष्य में किसी भी तरह का अपराध ना करने का वादा किया। उन्होंने बताया कि हर माह में एक बार जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण करनाल के द्वारा जेल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है।

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