किसान कृषि विविधिकरण अपनाकर बढ़ाएं अपनी आमदनी : निशांत यादव

जागरण संवाददाता करनाल डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि कृषि विविधिकरण या तो फसल क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Nov 2021 09:46 PM (IST) Updated:Fri, 05 Nov 2021 09:46 PM (IST)
किसान कृषि विविधिकरण अपनाकर बढ़ाएं अपनी आमदनी : निशांत यादव
किसान कृषि विविधिकरण अपनाकर बढ़ाएं अपनी आमदनी : निशांत यादव

जागरण संवाददाता, करनाल : डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि कृषि विविधिकरण या तो फसल के पैटर्न में बदलाव को दर्शाता है या अन्य गैर कृषि विकल्पों को दर्शाता है, जो उच्च स्तर की आय उत्पन्न करने में मदद करते हैं। इन विकल्पों में पशु पालन, मुर्गी पालन, बागवानी आदि शामिल हैं। डीसी ने जिला के किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि में विविधिकरण को अपनाएं। ऐसा करके वे जोखिम कारकों को कम कर सकते है, क्योंकि कृषि विविधिकरण अपनाने से यदि मौसम फसल के उत्पादन के अनुकूल नहीं रहता है तो भी किसान अपने सभी संसाधनों को नहीं खोते है। चूंकि कई फसलों को एक छोटे से खेत से काटा जा सकता है। इसलिए उत्पादन 10 गुणा तक बढ़ जाता है, जिससे पर्याप्त आय सुनिश्चित होती है। कृषि विविधिकरण से ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सर्जित होते है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है तथा इससे कीट भी नियंत्रित होते हैं।

उन्होंने कृषि विविधिकरण के संदर्भ में कहा है कि यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। प्रथम क्षैतिज विविधिकरण के अंतर्गत एक ही फसल की खेती जैसे गेहूं-धान, गेहूं-कपास की बजाय कई फसलों या फसलों के मिश्रण से संबंधित है। जैसे मिश्रित मौसमीय सब्जियों की कास्त आदि इस प्रकार का विविधिकरण विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए उपयोगी है, जो जमीन का एक छोटा टुकड़ा रखते हैं। यह उन्हें फसल की तीव्रता में वृद्धि करके अधिक आय उत्पन्न करने में मदद करता है। कृषि विविधिकरण के दूसरे प्रकार वर्टिकल विविधिकरण के तहत कई फसलों के साथ-साथ औद्योगिकीकरण के समावेश को दर्शाता है। इसके अंर्तगत किसान एक ओर कदम उठाते हैं और फसल उत्पादन के साथ-साथ उनसे संबंधित औद्योगिकीकरण में भी निवेश करते हैं, जैसे बागवानी विभाग की बात करें तो किसान बागवानी फसलों फल उत्पादन, सब्जी उत्पादन, फूल उत्पादन, खुंभी उत्पादन, शहद उत्पादन के साथ-साथ इनसे संबंधित छोटे उद्योग धंधे जैसे फल, सब्जी से संबंधित, प्रसंस्करण इकाई जैसे जैम, जैली, मुरब्बा, चटनी, आचार आदि में निवेश करके अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

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