खेतों में आग लगाने से जमीन की उर्वरा शक्ति को नुकसान

संवाद सूत्र निसिग गांव औंगद चकदा व प्यौंत में फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के अंतर्गत पर्यावरण बचा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 05:06 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 05:14 AM (IST)
खेतों में आग लगाने से जमीन की उर्वरा शक्ति को नुकसान
खेतों में आग लगाने से जमीन की उर्वरा शक्ति को नुकसान

संवाद सूत्र, निसिग : गांव औंगद, चकदा व प्यौंत में फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के अंतर्गत पर्यावरण बचाने के संदेश के साथ मंगलवार को शिविर लगाकर किसानों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से खंड कृषि अधिकारी दर्शन सिंह, रिटायर्ड बीओ बिरेंद्र सिंह, सहायक तकनीकी प्रबंधक रविराणा, एटीएम विकास पंवार, संदीप जांगड़ा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कंबाइन से धान की कटाई के बाद बचे धान के अवशेषों को किसान आग लगा देते हैं। इससे धुएं के रूप में हमारे पर्यावरण में जहर घुल रहा है। खेतों लगाई जाने वाली आग से हमारे मित्र कीट भी जलकर नष्ट हो जाते है, साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति भी घट जाती है। फिर भी किसान खेतों में आग लगा रहा है। उन्होंने ने कहा कि फसल अवशेष जलाकर किसान पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। स्ट्राबैलर नामक मशीन के इस्तेमाल से किसान अवशेषों को एकत्रित कर बिक्री कर सकते हैं जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सूखे चारे की कमी के अभाव को पूरा करने में मदद मिल सकती है। स्ट्राबैलर से अवशेष एकत्रित कर किसान आम के आम व गुठलियों के दाम प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को अवशेषों में आग नहीं लगाने की नसीहत दी। इस मौके पर सरपंच चकदा गुरलाल सिंह, गुरबाज सिंह चकदा, प्रेमपाल, रोमी चकदा मौजूद थे।

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