गौसेवा से सभी देवों की एक साथ पूजा संभव : स्वामी ज्ञानानंद

निसिग गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गाय हमारे लिए समस्या नहीं अपितु समाधान है। दूध पीकर सड़कों पर लावारिस छोड़कर समस्या तो हमने बना दिया है। गौमाता सदियों से हमारे लिए वरदान रही हैं और चिरकाल तक रहेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Mar 2021 07:02 AM (IST) Updated:Sun, 14 Mar 2021 07:02 AM (IST)
गौसेवा से सभी देवों की एक साथ पूजा संभव : स्वामी ज्ञानानंद
गौसेवा से सभी देवों की एक साथ पूजा संभव : स्वामी ज्ञानानंद

फोटो---08 नंबर है। संवाद सूत्र, निसिग :

गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गाय हमारे लिए समस्या नहीं, अपितु समाधान है। दूध पीकर सड़कों पर लावारिस छोड़कर समस्या तो हमने बना दिया है। गौमाता सदियों से हमारे लिए वरदान रही हैं और चिरकाल तक रहेंगी।

स्वामी ज्ञानानंद निसिग स्थित श्रीकृष्ण गोपाल गोशाला में संचालक गोपाल गोस्वामी के मार्गदर्शन में प्रधान सुभाषचंद सिगला के नेतृत्व में आयोजित 24वें वार्षिकोत्सव में बोल रहे थे। सर्वप्रथम उन्होंने गौपूजन किया। इससे पूर्व गौभक्तों की ओर से आयोजित संकीर्तन में श्रद्धालु खूब थिरके। गोशाला में भंडारे के आयोजन में गोभक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। वार्षिकोत्सव में क्षेत्र के सैकड़ों गौभक्तों ने भाग लिया। स्वामी ज्ञानानंद ने आयोजन में कहा कि देसी नस्ल की गाय में दिव्यता है। इसके रोम-रोम में देवों का वास है। इसके गोबर में लक्ष्मी निवास करती है। तभी तो दीपावली पर घरों में गोबर लेपन कर, दीवारों पर स्वस्तिक व शुभलाभ लिखते है। हमारी परंपराओं को पूरा विश्व मानने लगा है। हिदू धर्म में पूजे जाने वाले औषधीय पौधे तुलसी व पीपल को पूरा विश्व मानता है, जो 24 घंटे आक्सीजन देते हैं।

उन्होंने कहा कि गाय हमारी आस्था का प्रमुख केंद्र है। इससे हमारी भावनाएं जुड़ी हैं। जिस गोविद के हम उपासक हैं। जिसके दर्शनों के लिए वृंदावन जाते हैं, हमारे वहीं मुरलीधर गोमाता के आराध्य हैं। जिसने बालरूप में नंगे पांव गौसेवा व पूजा की थी। गाय में अपार अलौकिकता व दिव्यता है। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। गो मूत्र का उपयोग असाध्य रोगों से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है।

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