बसंत विहार में निर्माण प्रभावित, अधर में विकास कार्य

जागरण संवाददाता करनाल बसंत विहार में दो साल से विकास कार्य कछुआ चाल चल रहे हैं। नगर ि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 05:08 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 05:08 AM (IST)
बसंत विहार में निर्माण प्रभावित, अधर में विकास कार्य
बसंत विहार में निर्माण प्रभावित, अधर में विकास कार्य

जागरण संवाददाता, करनाल: बसंत विहार में दो साल से विकास कार्य कछुआ चाल चल रहे हैं। नगर निगम प्रशासन की ओर से ठेकेदारों का भुगतान न होने से विकास कार्य प्रभावित होने के कारण लोगों को कीचड़ और गड्ढों का सामना करना पड़ रहा है।

ठेकेदारों का भुगतान न होने के कारण क्षेत्र में विकास कार्यो को अधर में छोड़ दिया गया है। इससे क्षेत्रवासी परेशान हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर डाले गए सीवर को मुख्य लाइन से कनेक्शन नहीं दिया, जबकि सड़कों पर नई लगाई इंटरलॉकिग दोबारा तोड़ी जा रही है। मुख्य गलियों को कनेक्ट करने वाली अंदर की सड़कों को कच्चा छोड़ दिया है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री के शहर के अधिकारी यहां के विकास कार्यो के लिए गंभीर नहीं हैं जबकि मेयर रेणु बाला गुप्ता कई बार दौरा करके जा चुकी हैं। नगर निगम में नहीं होती सुनवाई

क्षेत्रवासी गुलाब सिंह, सुभाष कुमार ने बताया कि ठेकेदारों की बकाया राशि का भुगतान न होने के कारण सड़कों का निर्माण ठप पड़ा है। दो साल से मंत्री, विधायक, मेयर और प्रशासनिक अधिकारी यहां आकर जल्द निर्माण पूरा करने का आश्वासन दे चुके हैं लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री के इंटरनेट अकांउट पर भी कई बार समस्या को अपलोड किया गया है। इसके बावजूद अधिकारी गंभीर नहीं होते हैं। उन्होंने बताया कि 30 साल पहले यहां मकान बनाया था लेकिन अभी तक स्थाई सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। अंडरग्राउंड सीवर डालने में एक साल से अधिक समय लगा दिया गया, जबकि थोड़ी सी बरसात होने के बाद यहां एक महीने तक पानी जमा रहता है। सीवर का काम खत्म होने पर अब सड़कों का निर्माण नहीं किया जा रहा है। नई सड़कों के बीच खोदे गड्ढे

प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण बसंत विहार में कुछ माह पहले बनी सड़कों के बीच खड्डे खोदने शुरू कर दिए गए हैं। इलाकावासियों की मानें तो टेलीफोन लाइन बिछाने वाले खड्ढे खोद कर भूल गए हैं। रात के समय खड्डों में गिरने का डर बना रहता है जबकि बेसहारा गोवंश कई बार चोटिल हो चुके हैं। एक ठेकेदार ने बताया कि काम शुरू करने के दौरान एक बार भुगतान किया, लेकिन अब भुगतान न होने के कारण मजदूरों को दिहाड़ी देने के भी पैसे नहीं हैं। नगर निगम की ओर से भुगतान न होने मजबूरन काम रोकना पड़ रहा है। वहीं क्षेत्रवासियों का कहना है कि निगम अधिकारी टेंडर करने के बाद संबंधित काम की इतिश्री कर लेते हैं। लोगों की समस्याओं से उनका कोई वास्ता नहीं है, जबकि अधिकारियों को समय-समय पर क्षेत्रवासियों से संतोषजनक रिपोर्ट लेनी चाहिए। दूसरी तरफ, नगर निगम कमिश्नर विक्रम ने बताया कि बसंत विहार में अधूरे निर्माण कार्यों को लेकर संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों से बातचीत की जाएगी और रुके कार्यों को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

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