आसमान में बादल, गेटपास के लिए तीन रात मंडी के बाहर खड़े होना मजबूरी

अनाज मंडी में धान को बरसात से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सीजन की शुरुआत में धान भीगने के बावजूद मंडी बोर्ड अधिकारियों की ओर से सुरक्षा के प्रबंध नहीं किए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 07:40 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 07:40 PM (IST)
आसमान में बादल, गेटपास के लिए तीन रात मंडी के बाहर खड़े होना मजबूरी
आसमान में बादल, गेटपास के लिए तीन रात मंडी के बाहर खड़े होना मजबूरी

जागरण संवाददाता, करनाल : अनाज मंडी में धान को बरसात से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सीजन की शुरुआत में धान भीगने के बावजूद मंडी बोर्ड अधिकारियों की ओर से सुरक्षा के प्रबंध नहीं किए गए हैं। रविवार को सुबह से आसमान से बादल छाए रहे और बूंदाबांदी से किसानों का धान मंडी में खुले में भीगने के लिए छोड़ दिया गया। बूंदाबांदी के बीच उठान व धान को बोरियों में भरने का काम श्रमिक करते दिखाई दिए। किसानों के हक में ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं अधिकारी

अनाज मंडी में रविवार को खरीद बंद होने के कारण शनिवार रात से ट्रैक्टर-ट्राली के साथ खड़े किसान दिन भर लाइन में लगे रहे जबकि सोमवार को भी खरीद बंद रखने की बात सामने आई है। किसान सोमपाल ने बताया कि सीजन की तेजी में अधिकारियों की कार्यप्रणाली समझ से परे है। दो दिन मंडी बंद होने के कारण शनिवार रात से खड़े किसानों को सोमवार रात तक इंतजार करवाया जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारी ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं हैं।

अधूरे इंतजामों की पोल खोल रहे आसमान में बादल

मंडी में धान की बोरियों की सुरक्षा के इंतजाम फीके हैं। अपने धान की सुरक्षा किसान खुद की तिरपाल से बचाव कर रहे हैं जबकि 80 फीसद धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। मार्केट मंडी बोर्ड अधिकारियों की खामियों का नतीजा है कि धान सुरक्षित करने में न आढ़ती ध्यान दे रहे हैं और न ही खरीद एजेंसियां। खुले में पड़े धान को लेकर मार्केट मंडी बोर्ड की ओर से भी कदम नहीं उठाए गए। मंडी में लगभग दस लाख क्विंटल धान खुले में रखा गया है, जबकि ट्रैक्टर-ट्राली के साथ इंतजार करने वाले किसानों ने धान को प्लास्टिक की तिरपाल से सुरक्षित किया। खरीद चालू करवाने गए किसानों को बैरंग लौटाया

खरीद बंद होने के कारण किसानों को ट्रैक्टरों पर रात गुजारनी पड़ रही है, जिसके चलते किसान परेशान होकर मार्केट मंडी बोर्ड कार्यालय में सचिव से मिलने पहुंचे। किसानों ने सचिव को बताया कि खरीद बंद करके उन्हें परेशान किया जा रहा है। अगर प्रशासन की व्यवस्था ठीक होती तो किसानों को तीन रात मंडी के बाहर इंतजार न करवाया जाता। मंडी बोर्ड सचिव ने किसानों को स्पष्ट करते हुए कहा कि उठान के लिए दो दिन मंडी बंद रखी गई है और जरूरत पड़ने पर तीसरे दिन भी बंद रखी जा सकती है। ठोस आश्वासन न मिलने पर किसान व्यवस्था को कोसते दिखाई दिए। वहीं, मार्केट मंडी बोर्ड सचिव चंद्रप्रकाश ने बताया कि दो दिन खरीद बंद रखने का मैसेज एडवांस में दे दिया गया था। बरसात के आसार के चलते मंडी में उठान जरूरी है। मंडी में खुले में पड़े धान की सुरक्षा के लिए एजेंसियों व मिलरों द्वारा उठान तेजी से करवाया जा रहा है। बरसात से बचाव के लिए आढ़तियों व मिलरों को कहा गया है। छह लाख 12 हजार 61 मीट्रिक टन धान की खरीद उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिले में 15 मंडी/खरीद केंद्रों पर अब तक छह लाख 12 हजार 61 मीट्रिक टन धान सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया। इसमें से 367550 मीट्रिक टन धान खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा, 141825 मीट्रिक टन हैफेड द्वारा तथा 91886 मीट्रिक टन हरियाणा वेयर हाउसिग द्वारा खरीदा गया। मार्केट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार असंध में 77718 मीट्रिक टन, बल्ला में 4710, ब्याना में 6758, घरौंडा में 87832, घीड़ में 9107, इंद्री में 63280, जुंडला में 63739, करनाल में 109835, कुंजपुरा में 25765, निगदू में 25883, नीलोखेड़ी में 8658, निसिग में 67691, तरावड़ी में 50285 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।

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