हादसे में युवक की मौत के बाद मिलीभगत कर राजीनामा करने का आरोप, केस दर्ज
दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मौत के मामले में पत्नी ने ससुराल पक्ष पर पुलिस व गाड़ी ड्राइवर व मालिक के साथ मिलीभगत कर राजीनामा करने के आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने पुलिस उच्चाधिकारियों को शिकायत दी जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जिला यमुनानगर निवासी ससुराल पक्ष के चार नामजद एवं अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
संवाद सहयोगी, इंद्री : दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मौत के मामले में पत्नी ने ससुराल पक्ष पर पुलिस व गाड़ी ड्राइवर व मालिक के साथ मिलीभगत कर राजीनामा करने के आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने पुलिस उच्चाधिकारियों को शिकायत दी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जिला यमुनानगर निवासी ससुराल पक्ष के चार नामजद एवं अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार पीड़िता की शादी जिला यमुनानगर में हुई थी और अब वह अपने भाई के घर करनाल में रह रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। करनाल की रहने वाली शिकायतकर्ता रजनी ने शिकायत में बताया है कि उसके पति कपिल कुमार सात सितंबर को लगभग बारह बजे को रात को दूसरे वाहन से थाना इंद्री क्षेत्र में सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए। उसे दुर्घटना के बारे में रात को ही पता चल गया था और उसे अगले दिन पुलिस से पता चला कि उसके जेठ व दूसरी गाड़ी के मालिक व ड्राइवर व पुलिस वालों से मिलीभगत करके राजीनामा कर लिया है। हादसे के बाद उसके पति को कल्पना चावला मेडिकल कालेज अस्पताल में दाखिल कराया गया था। 11 सितंबर को इस सड़क दुर्घटना में लगी चोटों की वजह से उसके पति की मृत्यु हो गई। उसके पास एक चार साल की बेटी है तथा इस समय वह चार महीने की गर्भवती भी है।
पीड़िता का आरोप है कि पति की मृत्यु के बाद ससुराल वाले उसके पति के शव को बिना पोस्टमार्टम कराए व उसको बिना बताए संस्कार के लिए यमुनानगर ले गए। जब वह संस्कार में जाने लगी तो उसे उसके सास, ससुर, जेठ जेठानी व अन्य कई लोगो ने धक्के देकर निकाल दिया। सुसराल पक्ष के लोगों ने उसका सारा दहे•ा का समान भी अपने कब्जे में रखा हुआ है और उसे देने से मना कर दिया है।
पीड़िता के अनुसार ससुराल पक्ष के व्यक्तियों ने उसके व बच्चों के कानूनी हक को खत्म करने के लिए पुलिस व दूसरी गाड़ी के मालिक व ड्राइवर से मिलकर जानबूझ कर राजीनामा कर लिया है, उसे इस बारे में कुछ भी नहीं पता। जब उसने थाना इंद्री में संपर्क किया तो संबंधित पुलिस अधिकारी उसे तीन-चार दिन तक टालता रहा कि वो उसको राजीनामा का कापी दे देगा व ससुराल पक्ष वालों को बुला कर उनकी बातचीत भी करवा देगा। इस को लेकर उसकी अधिकारी से फोन पर बातचीत होती रही। लेकिन उसके बाद पुलिस अधिकारी ने राजीनामा की नकल देने से भी मना कर दिया व उसे बताया कि इस दुर्घटना बाबत न तो कोई डीडीआर व ना ही कोई एफआइआर लिखी गई है।
एसएचओ सचिन का कहना है कि हमने कोई राजीनामा नहीं करवाया। इस मामले में पहले शिकायतकर्ता के पति का एक्सीडेंट हुआ। डेढ़-दो महीने पहले की बात है। सुसराल पक्ष व दूसरे पक्ष की आपस में क्या बातचीत हुई, उसका हमें नहीं पता। यह मामला एक सब-इंस्पेक्टर की डयूटी में आया था। एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति की बाद में टांगें कट गई थीं। उन्होंने फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कराई। अब मृतक की पत्नी ने शिकायत दी है जिसके आधार पर आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।