साफ्टवेयर या एप को इंस्टाल करने से पहले विश्वसनीयता की करें परख, वरना हो सकते हैं साइबर ठगी का शिकार

स्मार्टफोन के साथ-साथ जैसे ही तकनीक आगे बढ़ रही है वैसे ही सुविधाओं में भी ईजाफा हो रहा है। नए-नए एप साफ्टवेयर और प्रोद्योगिकी के बढ़ते विकल्प मोबाइल या डिवाइस को अत्याधुनिक बना रहे हैं लेकिन इसके साथ ही मोबाइल को निशाना बनाने वाले साइबर अपराधियों का प्रचलन भी खासकर नकली एप और नकली साफ्टवेयर बनाकर साइबर अपराध करने के रूप में बढता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:06 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:06 AM (IST)
साफ्टवेयर या एप को इंस्टाल करने से पहले विश्वसनीयता की करें परख, वरना हो सकते हैं साइबर ठगी का शिकार
साफ्टवेयर या एप को इंस्टाल करने से पहले विश्वसनीयता की करें परख, वरना हो सकते हैं साइबर ठगी का शिकार

जागरण संवाददाता, करनाल : स्मार्टफोन के साथ-साथ जैसे ही तकनीक आगे बढ़ रही है वैसे ही सुविधाओं में भी ईजाफा हो रहा है। नए-नए एप, साफ्टवेयर और प्रोद्योगिकी के बढ़ते विकल्प मोबाइल या डिवाइस को अत्याधुनिक बना रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही मोबाइल को निशाना बनाने वाले साइबर अपराधियों का प्रचलन भी खासकर नकली एप और नकली साफ्टवेयर बनाकर साइबर अपराध करने के रूप में बढता जा रहा है। नकली ऐप या नकली साफ्टवेयर साइबर अपराधियों द्वारा डाटा चोरी करने के लिए बनाए जाते हैं। इनका लुक और फंक्शन बिल्कुल असली ऐप व साफ्टवेयर की तरह बनाया जाते हैं, जिनमें केवल नाममात्र अंतर होता है जिनकी पहचान आम व्यक्ति करने में असमर्थ होता है। अगर कोई व्यक्ति इन नकली एप या साफ्टवेयर को डाउनलोड कर लेता है तो यह डाटा तक पहुंचने के लिए अनुमति का अनुरोध करते हैं। जिसकी ज्यादातर लोग परमिशन दे देते हैं और साइबर अपराधी आपका डाटा चुराकर आपके साथ धोखाधडी करते हैं। ---------------------------------

नकली एप या साफ्टवेयर की पहचान कैसे करें और इनसे कैसे बचें - किसी एप या साफ्टवेयर को डाउनलोड करने से पहले उसके डेवलपर के बारे में शोध करने के लिये अतिरिक्त समय लें। इस तरह की जानकारी आप गूगल ब्राउजर पर खोज सकते हैं। जिससे पता चल जाता है कि यह विश्वसनीय है या नहीं। - नकली ऐप या सॉफ्टवेयर डेवलपर्स नकली ऐप को उसकी असली एप के जैसा दिखने वाला बनाते हैं। इसलिये किसी एप को डाउनलोड करने से पहले प्रत्येक अक्षर को ध्यान से पढें और किसी भी गलत वर्तनी की तलाश करें।

- ऐसी एप या साफ्टवेयर को डाउनलोड करने से पहले उसकी जारी होने की तारीख की जांच कर लें। अगर कोई नयी एप थोडे समय में ज्यादा लोगों द्वारा डाउनलोड की गई है तो यह एक नकली एप होने का संकेत हो सकता है। - नकली एप आपके डाटा संबंधी ज्यादा परमिशन मांगते हैं जिसकी वास्तव में जरूरत नही होती है। कोई भी परमिशन देने से पहले उसकी आवश्कता है या नही उसकी जांच कर लें।

- अपनी डिवाइस में साफ्टवेयर अपडेट केवल अपनी डिवाइस की सेटिग से ही करें। कभी भी संदिग्ध वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफार्म या आपके सिस्टम को अपडेट करने का वादा करने वाली एप से भी अपनी डिवाइस को अपडेट न करें। - अपनी डिवाइस को हमेशा अपडेट करके रखें और वायरस से सुरक्षित रखने के लिये उच्च गुणवत्ता वाला एंटी वायरस इंस्टाल करके रखें।

- अज्ञात साफ्टवेयर या एप डाउनलोड ना करें। आनलाइन या ईमेल के माध्यम से पेश किये जाने वाले मुफ्त सॉफ्टवेयर व एपलिकेशन के बारे में विशेष रूप से सतर्क रहें। - ईमेल, पापअप, इंस्टेंट मैसेज/ टेक्स्ट या सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक और ट्विटर में साफ्टवेयर के लिक, एप के लिक या विज्ञापनों पर क्लिक न करें।

- अपने डिवाइस के एंटीवायरस या अन्य सुरक्षात्मक साफ्टवेयर को कभी भी निष्क्रिय ना करें। उन्हें बार-बार और स्वचालित रूप से अपडेट करने के लिए सेट करके रखें।

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