बैंकों में हड़ताल, 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित

बैंक संगठनों के आह्वान पर सोमवार को जिले में विभिन्न बैंकों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 07:10 AM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 07:10 AM (IST)
बैंकों में हड़ताल, 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित
बैंकों में हड़ताल, 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित

जागरण संवाददाता, करनाल

बैंक संगठनों के आह्वान पर सोमवार को जिले में विभिन्न बैंकों की 379 शाखाओं के अधिकारी व कर्मचारी सांकेतिक हड़ताल पर रहे। सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक इन सभी शाखाओं में बैंक से संबंधित कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा। इसके चलते जिले में करीब 200 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ। बैंक से संबंधित जरूरी कार्य नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

दूसरी ओर बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों ने निजीकरण के विरोध में हड़ताल की है। यूनियन के नेताओं का कहना है कि सरकार लगातार अनुचित नीतियों को बैंकों में लागू कर रही है। निजीकरण के चलते आम आदमी को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए वे हर सीमा तक सघर्ष करेंगे। दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के तहत सोमवार को सुबह से ही अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ व अन्य कर्मचारी संगठनों से जुड़े तमाम बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। सेक्टर 12 स्टेट पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के बाहर बैंक कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर बैठे।

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष उमेश भाटिया ने बताया कि दो दिवसीय हड़ताल के दौरान निजीकरण का डटकर विरोध किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वह बैंक कर्मचारियों अधिकारियों का साथ दें क्योंकि यह लड़ाई जनता से जुड़ी हुई है। निजीकरण होने से आम आदमी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। इस दौरान कामरेड महेंद्र राठी संतोष आर्या मिस नीतू तोमर जसबीर पन्नू कपिल डाकला नवीन व जितेंद्र दीपक गर्ग मौजूद रहे।

अंचल कार्यालय के बाहर भी रोष जाहिर किया

सेक्टर 12 स्थित केनरा बैंक के अंचल कार्यालय के बाहर भी अधिकारियों व कर्मचारियों ने रोष जाहिर किया। सर्वभारतीय राष्ट्रीयकृत बैंक अधिकारी संघ के अध्यक्ष बीके मेहता ने कहा कि बैंको का निजीकरण अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ आम जनता के लिए हानिकारक है। बैंकों का निजीकरण स्टाफ की नौकरी की घटाएगा। निजीकरण के बाद बैंकों का मुख्य उदेश्य सामाजिक उतरदायित्व न होकर लाभ अर्जित करना होगा। आम जनता को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उपलब्ध नहीं हो पाएगा। इस अवसर पर हिमांशु कटारिया, अनिल अनेजा व दीपक सुनेजा मौजूद रहे।

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