मरीज बोले-पीएमजेवाइ से मिल रहा आयुष्मान भव: का आशीर्वाद

आयुष्मान भारत योजना आयुष्मान भव के आशीर्वाद से कम नहीं है। योजना में कवर हो रहे जरूतमंद लोग जो उपचार करा चुके हैं या जिनका हो रहा है वह योजना के लिए प्रधानमंत्री का गुणगान कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Mar 2019 08:30 AM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2019 08:30 AM (IST)
मरीज बोले-पीएमजेवाइ से मिल रहा आयुष्मान भव: का आशीर्वाद
मरीज बोले-पीएमजेवाइ से मिल रहा आयुष्मान भव: का आशीर्वाद

जागरण संवाददाता, करनाल : आयुष्मान भारत योजना आयुष्मान भव: के आशीर्वाद से कम नहीं है। योजना में कवर हो रहे जरूतमंद लोग जो उपचार करा चुके हैं या जिनका हो रहा है वह योजना के लिए प्रधानमंत्री का गुणगान कर रहे हैं। रेलवे रोड स्थित संजीव बंसल सिग्नस अस्पताल में दाखिल क्रेटिनिजम बीमारी से पीड़ित साढ़े 12 साल की बच्ची का उपचार हो रहा है। गांव धोलगढ़ निवासी बच्ची की मां चंद्रपति ने कहा वह प्रधानमंत्री के आभारी हैं कि इस योजना के तहत उनकी बच्ची का सही तरीके से इलाज संभव हो पाया है। इससे पहले वह अस्पतालों के चक्कर लगा रहे थे, इलाज का खर्च डेढ़ से दो लाख रुपये तक बताया जा रहा था। उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह इलाज करा सके। सरकारी अस्पताल से एक कर्मचारी ने उन्हें आयुष्मान योजना के बारे में जानकारी दी। राशन कार्ड में चेक किया तो उनका नाम लिस्ट में था। गोल्डन कार्ड बनवाने के बाद सिग्नस अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। अब हमारी बच्ची लगभग ठीक होने को है। बच्ची का इलाज कर रहे डॉ. आशीष ने बताया बच्ची शीतल को क्रेटिनिजम है। इस बीमारी में आवाज भारी हो जाती है और कद नहीं बढ़ता। मानसिक विकास भी रूक जाता है। बच्ची की स्थिति अब ठीक है।

पीएम का दिल से धन्यवादी हूं : प्रेमप्रकाश ढींगरा

सेक्टर-13 निवासी 61 वर्षीय प्रेम प्रकाश ढींगरा ने कहा अगर आयुष्मान योजना नहीं होती तो हमारी दिक्कतें बढ़ सकती थी। वह प्रधानमंत्री का दिल से आभार व्यक्त करते हैं कि उनकी आयुष्मान योजना के सही वह आज बच गए। मरीज प्रेम प्रकाश की धर्मपत्नी मंजू ढींगरा ने कहा कि उनके पति हृदय रोग से काफी समय से पीड़ित हैं। दवाइयां लेकर काम चलाया जा रहा था। अब तकलीफ भी बढ़ गई थी। स्टंट डलवाना मजबूरी बन गई थी। खर्च अधिक होने के कारण होश उड़े हुए थे। राशन कार्ड लेकर नागरिक अस्पताल के आयुष्मान भारत के सेंटर पर गए तो वहां पर उनका योजना की लिस्ट में नाम था। जिसके माध्यम से निजी अस्पताल में उनके पति का सफलतापूर्वक इलाज हुआ है।

किन लोगों के लिए है योजना

यह योजना 2011 में कराई गई सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना में शामिल लोगों के लिए है। जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं। यदि किसी व्यक्ति को योजना का पता नहीं है तो इस बारे में गांव के सरपंच, सीएमओ कार्यालय से मदद ली जा सकती है।

1239 मरीजों का हो चुका सफल इलाज

आयुष्मान भारत योजना में अब तक जिले के 1239 मरीजों का सफल इलाज हो चुका है। जिसमें से 1118 का क्लेम भी दिया जा चुका है। 886 की प्रोसेस अभी चली हुई है। 1.26 करोड़ रुपये इलाज के अस्पतालों को दिए जा चुके हैं।

33 अस्पताल हो चुके हैं इंपेनल

योजना में प्राइवेट रामा सुपर स्पेशलिटी एंड क्रिटिकल केयर अस्पताल, संजीव बंसल सिग्नस अस्पताल, सरस्वती नेत्रालय, रामचंद मेमोरियल अस्पताल, मिगलानी नर्सिंग होम, पार्क अस्पताल ए यूनिट आफ डीएमआर अस्पताल प्रा. लि., बालाजी अस्प्ताल, डॉ. केसी सचदेवा अस्पताल व श्रीहरि अस्पताल सहित 24 प्राइवेट अस्पताल पैनल में शामिल हो चुके हैं। बाकी कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज सहित सरकारी अस्पताल हैं।

1350 बीमारियों हो रही कवर, जिसमें से 276 सरकारी में

योजना के तहत 1350 प्रकार की बीमारियों को कवर किया जा रहा है। जिसमें से 276 सरकारी अस्पताल में कवर हो रही है। बाकी बीमारियों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को पैनल पर लिया गया है। जो खर्च यह अस्पताल उठाते हैं उनका सरकार वहन करती है।

राशन या आधार कार्ड दिखाकर मरीज करा सकते हैं उपचार

अभी तक हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत नागरिक अस्पताल और कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में सेंटर खोल दिए हैं। यहां पर कोई भी व्यक्ति जिसका नाम रजिस्टर्ड किया हुआ है वह दिखाकर अपने इलाज की प्रक्रिया शुरू करा सकता है। आइडी वैरीफाई हो जाने के बाद उसको जो भी बीमारी है संबंधित डॉक्टर के यहां भेजा जाएगा।

डॉ. सरोज बाला, डिप्टी सिविल सर्जन करनाल।

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