हैबतपुर में फसल अवशेष प्रबंधन पर लगाया जागरूकता शिविर
कृषि विभाग की ओर से गांव हैबतपुर में खंड तकनीकी प्रबंधक डा. रणबीर सिंह की देखरेख में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर एक दिवसीय किसान जागरूकता शिविर का आयोजित किया गया। इस किसान प्रशिक्षण शिविर में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र करनाल की कृषि विज्ञानिक डा. किरण खोखर ने मुख्य रूप से शिरकत कर किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे जागरूक किया।
संवाद सहयोगी, इंद्री : कृषि विभाग की ओर से गांव हैबतपुर में खंड तकनीकी प्रबंधक डा. रणबीर सिंह की देखरेख में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर एक दिवसीय किसान जागरूकता शिविर का आयोजित किया गया। इस किसान प्रशिक्षण शिविर में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र करनाल की कृषि विज्ञानिक डा. किरण खोखर ने मुख्य रूप से शिरकत कर किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे जागरूक किया। यह शिविर उप कृषि निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास के दिशा-निर्देशानुसार एवं उपमंडल कृषि अधिकारी डा. दिनेश शर्मा के मार्गदर्शन में लगा।
कृषि विज्ञानिक डा. किरण खोखर ने कहा कि फसल अवशेष जलाने से वातावरण दूषित होता है और भूमि के लिए लाभदायक जीवाणु व पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष खेत में जलाने से हमारी पैदावार पर भी असर पड़ता है और हमारी फसल लागत की अपेक्षा फसल उत्पादन कम हो जाता है। यदि हम कृषि यंत्रों की सहायता से फसल अवशेषों को खेत की मिट्टी में मिला दें, इससे खेत में पैदावार बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने से फसल में अनेक बीमारियां लगती हैं, जिसका सीधा असर हमारे शरीर पर भी पड़ता है। उन्होंने किसानों को मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। सहायक तकनीकी प्रबंधक डा. रणबीर सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक योजनाएं चलाई हैं, जिनका लाभ किसान ले सकते हैं। सरकार द्वारा किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। जो किसान अपने खेत में पराली के गटठर बनवाएंगें उन्हें सरकार की ओर से 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।