बिजाई के तीन सप्ताह के बाद हल्के पानी से करें गेहूं सिचाई : बीएओ

गेहूं की अगेती बिजाई करने वाले किसानों की फसल सिचाई के काबिल हो गई है। कुछ किसानों ने फसल की सिचाई भी शुरू कर दी है। शेष किसान भी जल्द गेंहू की सिचाई करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 08:00 AM (IST)
बिजाई के तीन सप्ताह के बाद हल्के पानी से करें गेहूं सिचाई : बीएओ
बिजाई के तीन सप्ताह के बाद हल्के पानी से करें गेहूं सिचाई : बीएओ

संवाद सूत्र, निसिग : गेहूं की अगेती बिजाई करने वाले किसानों की फसल सिचाई के काबिल हो गई है। कुछ किसानों ने फसल की सिचाई भी शुरू कर दी है। शेष किसान भी जल्द गेंहू की सिचाई करेंगे।

बीएओ असंध डा. राधेश्याम गुप्ता ने कहा कि किसान बिजाई के 21 दिन बाद गेहूं की सिचाई करें। देरी से सिचाई करने पर कई बार गेहूं के पौधों के फुटाव वाली जड़ सूख जाती है। फसल की पैदावार फुटाव पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि किसान पहली सिचाई के समय हमेशा हल्का पानी दें।

उन्होंने कहा कि खेत की जुताई के समय हेरो ऊंचा नीचा कर देती है। उसी खेत में अधिक पानी भरने से गहराई में कई दिनों तक पानी जमा रहता है, इससे नरम पौधे पीले पड़ जाते हैं। किसानों को पहली सिचाई हल्के पानी से करने की सलाह दी है। सिचाई के समय खेत की तासीर का भी ध्यान रखना जरूरी है। गेहूं में सिचाई से पहले उर्वरक न डालें

उन्होंने कहा कि कुछ किसान गेहूं की सिचाई से पहले यूरिया खाद डाल देते हैं, जिसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता। सिचाई से पूर्व डाला गया खाद पानी में घुल जाता है। जो पानी के साथ ब्लीच होकर जमीन में चला जाता है। पौधों को समय पर पर्याप्त उर्वरक की खुराक नहीं मिलने से फुटाव कम होता है। उन्होंने कहा कि किसान सिचाई के चार पांच दिन बाद खाद डालें, जिससे गेहूं के पौधों को उर्वरक का फायदा मिलने से फसल में भरपूर फुटाव होने से बंपर पैदावार होगी।

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