रोडवेज की बसों में सफर के दौरान धक्का मुक्की से महिलाएं परेशान
रोडवेज विभाग की बसों में सफर करते समय महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड पर टिकट काउंटर से लेकर बसों में सफर करते समय तक महिलाएं धक्का मुक्की से परेशान रहती हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल: रोडवेज विभाग की बसों में सफर करते समय महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड पर टिकट काउंटर से लेकर बसों में सफर करते समय तक महिलाएं धक्का मुक्की से परेशान रहती हैं। काउंटर पर महिलाओं के लिए स्पेशल लाइन नहीं लगाई जाती। आरक्षित सीटों पर पुरुष यात्री सफर करते नजर आते हैं। महिलाएं बसों में खड़ी होकर यात्रा करने को मजबूर हैं।
बता दें कि रोडवेज की बस में महिलाओं के लिए 15 सीटें आरक्षित होती हैं। नियमों के अनुसार हर महिला को सफर के दौरान आरक्षित सीटों पर बैठ कर सफर तय करने का अधिकार है, लेकिन इसकी तरफ विभाग के अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। परिवहन निदेशालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार महिलाओं से संबंधित विशेष ध्यान देने के आदेश हैं, लेकिन नियमों को विभाग भूल रहा है।
महिलाओं के आरक्षित सीटें
हरियाणा रोडवेज की बसों में सीट नंबर 7, 8, 9, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21 तथा 25 और 26 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। महिला इन सीटों पर बैठे पुरुष यात्री से दूसरी सीट पर बैठने के लिए कह सकती हैं।
दिल्ली, चंडीगढ़ की तरह हो नियमों का पालन: उषा देवी
यात्री ऊषा का कहना है कि दिल्ली, चंडीगढ़ में नियमों की पालना होता है तो यहां क्यों नहीं हो सकता। महिलाओं को दौड़ कर बस पकड़नी पड़ती है। वे परेशान रहती हैं। बसों में खड़ी होकर सफर करती हैं। छेड़छाड़ की घटनाओं का भय बना रहता है। इसलिए बसों में महिलाओं के सफर पर ध्यान देने की जरूरत है।
स्पेशल बसें चलाई जाए: राजबाला
महिला राजबाला ने कहा कि रोडवेज की बसों में सफर करते समय खिड़कियों पर बहुत परेशानी होती है। स्पेशल बसें चलाई जानी चाहिए ताकि महिलाओं को बसों में सफर करते समय परेशानी का सामना न करना पड़े।
महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सीटें दिलाने के लिए हर समय संभव प्रयास रहते हैं। महिलाओं के लिए बसों में सीटों पर नंबर भी लिखा हुआ है। इसके लिए पुरुष यात्रियों को भी सहयोग करना होगा। अगर पुरुष सहयोग करेंगे तो महिलाओं को बसों में सीट की दिक्कत नहीं आएगी।
- अजय गर्ग, जीएम रोडवेज कैथल