ग्रीन जोन में आने वाले गांव को नहीं मिल रहे अनुदान पर कृषि यंत्र
ग्रीन जोन में आने वाले गांवों के किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र नहीं मिल रहे हैं। इससे किसानों में रोष है।
जागरण संवाददाता, कैथल : ग्रीन जोन में आने वाले गांवों के किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र नहीं मिल रहे हैं। इससे किसानों में रोष है। किसान अनिल, सचिन, रविद्र,, बलविद्र व मुख्यतयार का कहना है कि सरकार की तरफ से केवल रेड व येलो जोन के गांव को कृषि यंत्र अनुदान पर दिए जा रहे हैं। ग्रीन जोन के गांव को नहीं दिए जा रहे हैं। इससे गांव में आगजी की घटनाएं बढ़ेगी। ग्रीन जोन में जो गांव लिए गए है, पहले भी इन गांवों में कृषि यंत्रों से ही फसल अवशेष प्रबंधन किया गया था। वहीं कृषि यंत्रों की सुविधा मिलने से ही आगजनी की घटनाओं में कम आई थी। इस वर्ष समय पर किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए यंत्र नहीं मिलेंगे तो किसान फसल अवशेषों में आग लगा देंगे। वायु प्रदूषण बढ़ेगा व खेत के जमीन की उर्वरता शक्ति कमजोर होगी। विभाग से मांग करते है कि ग्रीन जोन की सोसाइटियों को भी कृषि यंत्र अनुदान पर दिए जाए, ताकि आगजनी की घटनाओं को रोक सकें।
138 गांव है ग्रीन जोन में
कैथल जिले में 138 गांव को ग्रीन जोन में लिया गया है। फर्श माजरा, कागथली, प्रभोद, गोहरा, आंधली, खानपुर, गोबिदपुरा, हरनौला, सेगा, रसूलपूर, पिलनी, सिकंद खेड़ी, पूंडरी, सोलूमाजरा, दयोहरा, जसवंती, पट्टी अफगान, मालखेड़ी, जाजनपुर, रोहेड़ा, हंसमाजरा, भानपुरा, भैणी माजरा, ग्योंग, जगदीशपुरा, काकौत, तितरम, प्योदा, बलवंती, हरसौला, हरिपुरा व पिजपूरा, कमालपुर, जुलानी खेड़ा, बरसाना, जटेहड़ी, रसीना व पाई सहित कई गांव ग्रीन जोन में शामिल किए है।
रेड व येलो की तरह ही ग्रीन जोन वाले किसानों को दिए जाए कृषि यंत्र : हंस राज
गोहरा गांव निवासी हंसराज राणा ने बताया कि रेड व येलो की तरह ही ग्रीन जोन वालों को कृषि यंत्र दिए जाए। पिछले वर्ष गांव में कृषि यंत्रों से ही फसल अवशेषों में ग्रामीणों ने आग नहीं लगाई थी। कृषि यंत्रों से फसल अवशेष प्रबंधन कर किसान अपने खेत की उर्वरता शक्ति को बढ़ा सकते है।
ग्रीन जोन में भी अनुदान पर दिए जाए कृषि यंत्र : विरेंद्र यादव
किसान विरेंद्र यादव ने बताया कि पिछले वर्ष केवल कृषि यंत्र बेलर अनुदान पर दिया गया था। सुपर सीडर से सोसाइटी का वंचित रखा गया था। इस बार ग्रीन जोन में गांव को आ गया है। कृषि यंत्र अनुदान पर नहीं मिले है। अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जाए, ताकि सुपर सीडर सहित दूसरे मशीनें भी ग्रीन जोन के किसान खरीद सकें। फसल अवशेष प्रबंधन सही कर सकें।
रेड व येलो जोन में कृषि यंत्र अनुदान पर दिए जा रहे है। ग्रीन जोन के लिए भी उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है। पिछले वर्ष हुई आगजनी की घटनाओं के आधार पर रेड व येलो जोन को बांटा गया है।
डा. कर्मचंद, कृषि उपनिदेशक कैथल।