पीएमवाइ में अब पात्रों को मिलेगा पक्की छत का नया घर
हर पात्र को पक्की छत का लाभ प्रदान करने के लिए सरकार के आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना में फेरबदल करने का मन बनाया है।
संवाद सहयोगी, कलायत : हर पात्र को पक्की छत का लाभ प्रदान करने के लिए सरकार के आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना में फेरबदल करने का मन बनाया है। हाउसिग फार आल डिपार्टमेंट हरियाणा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों और पालिका आयुक्तों को मोडिफिकेशन इन अपरूड प्रोजेक्ट अंडर प्रधानमंत्री आवास योजना के संदर्भ में पत्र जारी किया है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना को गतिशीलता से लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए कुछ बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है। इसमें आवास मरम्मत, ऋण सब्सिडी व आवासीय फ्लैट के पात्र बीएलसी यानी की दो लाख 50 हजार रुपये की योजना में शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही मंत्रालय कस्बा तबदील, भूमि मालिकाना हक, पहले से पक्के मकान की सुविधा और आवेदक के नाम में बदलाव को लेकर आ रही दिक्कतों का निपटान करने के लिए गंभीर नजर आ रहा है। हाउसिग फार आल डिपार्टमेंट हरियाणा निदेशक ने फेरबदल से जुड़े बिदुओं की क्रम वार सूची तैयार करने को कहा है। इसके पीछे विभाग का मकसद एक समय में योजना से जुड़ी तमाम जरूरतों का ध्यान रखते हुए फास्ट ट्रैक से अड़चनों को दूर करना है।
इसलिए पड़ रही बदलाव की जरूरत प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना में मुख्य रूप से उन पात्रों को लाभ मिलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिन्होंने आवासीय फ्लैट, रिपेयर और सब्सिडी ऋण के लिए आवेदन किए थे। ये शुरू से ही योजना का लाभ मिलने की राह देख रहे हैं। गरीब परिवार बैंक ऋण से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा करने में स्वयं को विफल पा रहे हैं। इसी तरह रिपेयर और फ्लैट की पात्रों को नहीं मिल पा रहे, जबकि तीन किस्तों में मिलने वाली अढ़ाई लाख रुपये का लाभ पात्रों को गति से मिल रहा है।
तैयार किया जा रहा ब्यौरा : सचिव
कलायत नगर पालिका सचिव मोहन लाल तंवर ने बताया कि हाउसिग फार आल डिपार्टमेंट हरियाणा के निदेशक द्वारा जो पत्र जिला उपायुक्त और पालिका आयुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना के संबंध में भेजा गया है। उसकी पालना करते हुए ब्यौरा तैयार करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आवास योजना में पात्रों को पहली बार इस प्रकार की सुविधा मिलने जा रही है। इससे गरीबों का पक्की छत का सपना पूरा होने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।