कोरोना की फर्जी रिपोर्ट की जांच कर रही कमेटी के दो डाक्टर बदले

जागरण संवाददाता कैथल जाली मुहर बनवाकर कोरोना महामारी की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 06:00 AM (IST)
कोरोना की फर्जी रिपोर्ट की जांच कर रही कमेटी के दो डाक्टर बदले
कोरोना की फर्जी रिपोर्ट की जांच कर रही कमेटी के दो डाक्टर बदले

जागरण संवाददाता, कैथल : जाली मुहर बनवाकर कोरोना महामारी की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने के मामले की जांच कर रही कमेटी को दो दिन बाद ही बदल दिया गया है। पहली कमेटी एक सदस्य ब्लड बैंक के इंचार्ज डा.राजेंद्र ने अपना नाम खुद वापस ले लिया और दूसरे सदस्य फिजिशियन डा.राजीव मित्तल को बदल दिया गया। कमेटी में अब एसएमओ डा.रेणु चावला, ईएनटी डा.राकेश मित्तल और आरएमओ डा.मीनाक्षी को शामिल किया गया है। पीएमओ डा. शैलेंद्र ममगाईं का कहना है कि यह मामला गंभीर है, कोई बड़ा गिरोह ऐसा गोरखधंधा कर रहा है। मामले से संबंधित रिकार्ड कब्जे में ले लिया है। गंभीरता से जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पीएमओ ने कहा कि जो युवक अस्पताल में फर्जी रिपोर्ट लेकर पहुंचा है वह बिजली निगम का एसडीओ है या कोई और इसे लेकर अभी तक पुख्ता पहचान नहीं हो पाई है। युवक की पहचान को लेकर ही कमेटी गठित की गई है, जो सच्चाई सामने लाएगी। वहीं, जांच शुरु होने के दो दिन के भीतर ही कमेटी का पूरी तरह से बदल दिया जाना भी सवाल खड़े करता है।

कर्मचारियों पर आ रही फर्जी रिपोर्ट बनाने की काल

जिला नागरिक अस्पताल में कार्यरत एक लैब टेक्नीशियन ने बताया कि फर्जी रिपोर्ट को लेकर उनके पास भी काल आ रही हैं, लेकिन वे सभी को यह कहते हैं कि ऐसा कुछ नहीं होता, सैंपल करवाने के लिए अस्पताल में आना पड़ेगा। सैंपल लेने के बाद जांच में जो रिपोर्ट आएगी वही दी जाएगी। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि फर्जी रिपोर्ट लेकर दबाव भी बनाया जाता है। इस तरह की काल करने वालों की भी अब पहचान कर कार्रवाई विभाग कर सकता है।

ये था मामला

एक अगस्त को जिला नागरिक अस्पताल में प्रवीण कुमार पुत्र कर्मबीर नाम का युवक कोरोना की रिपोर्ट लेकर पहुंचा और लैब में कर्मचारी को कोरोना की आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने को कहा। युवक के पास पहले एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट थी। उक्त युवक अस्पताल की पर्ची मोबाइल में लिए हुए था। जब कर्मचारी ने उक्त पर्ची को देखा तो उस पर मुहर अस्पताल की नहीं थी, बल्कि गलत मुहर बनवाकर लगाई हुई थी, वहीं अस्पताल के रिकार्ड में पर्ची पर लिखा हुआ नंबर जांचा गया तो वह भी फर्जी मिला। रिकार्ड में किसी महिला के नाम से यह एंट्री की गई है, जो सही है, जबकि युवक प्रवीण कुमार के नाम की पर्ची लिए हुआ था। मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन भी हैरान रह गया। इसके बाद लैब इंचार्ज ने पीएमओ डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली को इसकी शिकायत दी। अस्पताल प्रशासन ने मामले को लेकर जांच शुरू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि बीमा क्लेम, छुट्टी लेने, विदेश जाने सहित अन्य कार्यों को लेकर कोरोना की फर्जी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके लिए कोई गिरोह काम कर रहा है जो मुहर बनवाकर ऐसी रिपोर्ट तैयार करता है।

हो सकता है बड़ा खुलासा

कोरोना की फर्जी रिपोर्ट सामने आने के बाद संबंधित युवक से यह जानकारी जुटाई जा रही है की उसने यह रिपोर्ट सिविल अस्पताल से बनवाई है या बाहर से। इस पर्ची के साथ जांच कमेटी संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाना चाहती है। ऐसा कार्य करने वाले युवक तक पहुंचने के बाद ही बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है।

एसडीओ का भाई बोला, तैयार की गई फर्जी रिपोर्ट

विक्रम ने बताया कि उसके भाई एसडीओ प्रवीण कुमार ने कोरोना की दोनों डोज लगवा ली है और अब तक कोरोना संक्रमित भी नहीं हुआ है। उसके भाई के नाम से किसी ने फर्जी पर्ची बनवाकर रिपोर्ट लेने का प्रयास किया है। इस मामले को लेकर उसके भाई का कोई लेना-देना नहीं है। छवि खराब करने के लिए उसे इस मामले में घसीटा जा रहा है।

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