पशुपालन विभाग में 26 वेटनरी सर्जन के पद खाली

पशुपालन विभाग में वेटनरी सर्जन के पद काफी समय से खाली पड़े हैं। पशुओं का इलाज समय पर नहीं हो पा रहा है। इससे पशुपालकों के लिए परेशानी बढ़ गई है। पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सकों की भारी कमी के कारण टीकाकरण सहित बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 06:33 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 06:33 AM (IST)
पशुपालन विभाग में 26 वेटनरी सर्जन के पद खाली
पशुपालन विभाग में 26 वेटनरी सर्जन के पद खाली

जागरण संवाददाता, कैथल: पशुपालन विभाग में वेटनरी सर्जन के पद काफी समय से खाली पड़े हैं। पशुओं का इलाज समय पर नहीं हो पा रहा है। इससे पशुपालकों के लिए परेशानी बढ़ गई है। पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सकों की भारी कमी के कारण टीकाकरण सहित बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा है। जानकारी के अनुसार जिले में 41 वेटनरी सर्जन के पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध मात्र 25 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। इन्हें पशु चिकित्सालय के अलावा प्रशासनिक कार्य भी देखना पड़ रहा है। अधिकांश पशु चिकित्सालय बिना चिकित्सक के ही चल रहे हैं। इनमें राजौंद ब्लाक, सीवन ब्लाक व ढांड ब्लाक के कई गांवों में पशु चिकित्सालय में कोई वेटनरी सर्जन नहीं है। वहीं, दूसरी ओर वीएलडीए डाक्टरों का भी अभाव है। पशुपालकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। उनका कहना है कि डाक्टरों के पद रिक्त होने से पशुपालकों के पशुओं का समय पर इलाज नहीं मिल रहा है।

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योजनाओं की नहीं मिलती जानकारी- गुरविद्र

पशुपालक गुरविद्र ने बताया कि डाक्टरों की कमी से समय पर पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी नहीं मिलती है। एक डाक्टर के पास दो जगह का चार्ज होता है। इससे परेशानी बढ़ी हुई है। सरकार को वेटनरी व वीएलडीए डाक्टरों की भर्ती करनी चाहिए ताकि पशुपालकों को परेशानी न हो।

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समय पर नहीं होता पशुओं का इलाज-

पशुपालक रामकुमार का कहना है कि समय पर डाक्टरों के अभाव में पशुओं का इलाज नहीं होता है। डाक्टर अस्पतालों में नहीं मिलते हैं। सरकार को डाक्टरों की भर्ती करनी चाहिए ताकि पशुपालकों को कोई परेशानी न हो।

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पशुपालन उपनिदेशक डा.मंगल सिंह ने बताया की जिले में पशु चिकित्सक की कमी का असर सेवा पर पड़ रहा है। फिर भी विभाग का प्रयास है कि उपलब्ध संसाधन से पशुपालकों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराया जा सके। डाक्टर व सहायक के अधिकतर पद ही खाली है, जिससे काफी परेशानी हो रही है। आने वाले समय में वैक्सीनेशन काम होना है। इसके लिए विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है। पशुपालक बीमारी की स्थिति में नजदीक के अस्पताल अथवा जिला कार्यालय को सूचना दे सकते हैं।

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