हनुमान वाटिका में रचाया गया तुलसी का विवाह

हनुमान वाटिका में सोमवार को श्री हनुमान वाटिका में सोमवार को तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं ने भाग लिया। निशा मंगल पूर्व सरपंच, राजीव गर्ग सहपत्नी प्रिया के साथ लड़की वालों की तरफ से पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 11:12 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 11:12 PM (IST)
हनुमान वाटिका में रचाया गया तुलसी का विवाह
हनुमान वाटिका में रचाया गया तुलसी का विवाह

जागरण संवाददाता, कैथल : श्री हनुमान वाटिका में सोमवार को तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं ने भाग लिया। निशा मंगल पूर्व सरपंच, राजीव गर्ग सहपत्नी प्रिया के साथ लड़की वालों की तरफ से पहुंचे। वहीं, लड़कों वालों की तरफ से अशोक शर्मा अपनी पत्नी पुष्पा के साथ तुलसी विवाह करवाने के लिए आए। हनुमान वाटिका के पुजारी पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि तुलसी विवाह धूमधाम से किया गया। तुलसी को लाल चुनरी उड़ाकर दुल्हन की तरह श्रृंगार का सामान रखा गया। शालीग्राम बैंड-बाजे के साथ बारात लेकर लाए गए। इसके बाद पूरे विधि पूर्वक तुलसी विवाह करवाया गया।

उन्होंने बताया कि ¨हदू धर्म में तुलसी विवाह का खास महत्व है। देवउठनी एकादशी या देवुत्थान एकादशी के दिन तुलसी जी का विवाह शालिग्राम से किया जाता है। शालिग्राम विष्णु का ही एक पत्थर रूपी अवतार है। मान्यता है कि जिन घरों में बेटियां नहीं होती वो तुलसी विवाह के जरिए कन्या दान का सुख प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीनों के लिए सोते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं। इसी लिए तुलसी विवाह के बाद ही घरों में शुभ कामों खासकर शादियों की शुरुआत हो जाती है। तुलसी का विवाह कराना बेहद शुभ होता है। तुलसी विवाह से घर में सकारात्मक वातावरण बना रहता है। साथ ही भक्तों को सबसे बड़े दान यानी कन्यादान का सुख प्राप्त होता है।

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