मार्केट फीस चार से एक फीसद करने पर व्यापारियों में खुशी का माहौल

अनाज मंडियों में फसल खरीद को लेकर सरकार द्वारा मार्केट फीस घटाकर चार से एक फीसद करने पर आढ़तियों में खुशी का माहौल है। इससे न केवल व्यापारियों को बल्कि किसानों को भी फायदा होगा। पहले फसल बेचने पर आढ़तियों को चार प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था लेकिन अब मात्र एक प्रतिशत ही टैक्स देना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 06:51 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 06:51 AM (IST)
मार्केट फीस चार से एक फीसद करने  पर व्यापारियों में खुशी का माहौल
मार्केट फीस चार से एक फीसद करने पर व्यापारियों में खुशी का माहौल

जागरण संवाददाता, कैथल :

अनाज मंडियों में फसल खरीद को लेकर सरकार द्वारा मार्केट फीस घटाकर चार से एक फीसद करने पर आढ़तियों में खुशी का माहौल है। इससे न केवल व्यापारियों को बल्कि किसानों को भी फायदा होगा। पहले फसल बेचने पर आढ़तियों को चार प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब मात्र एक प्रतिशत ही टैक्स देना पड़ेगा।

सरकार के इस फैसले के बाद आढ़तियों का कहना है कि इसके बाद से मंडियों में अनाज की खरीद ज्यादा होगा। सरकार को भी राजस्व का फायदा होगा। सरकार के इस फैसले को लेकर जब मंडी आढ़तियों से बातचीत की तो उन्होंने इसे स्वागत योग्य बताया।

मार्केट फीस कम करने से

आढ़तियों को होगा फायदा

भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक सुरेश गर्ग नौच ने कहा कि सरकार द्वारा मार्केट फीस चार फीसद से घटाकर एक फीसद करने से न केवल व्यापारियों को बल्कि किसानों को भी फायदा होगा। व्यापारी संगठनों को भी एकजुटता के लिए बधाई। कृषि विधेयक के अनुसार मंडी बाहर फसल बेचने पर चार प्रतिशत से एक प्रतिशत खरीदार को बेचनी थी। इससे आढ़तियों को नुकसान होता, लेकिन अब मार्केट फीस के घटाने से किसानों की फसल मंडी में बिकेगी और बाहर नहीं जाएगी। किसानों की फसल को बेचने के लिए मंडी में आढ़ती उसे अच्छी तरह से बेचता है और उचित भाव दिलवाने के प्रयास में रहता है। हरियाणा की मंडियों में नकद की बजाए उधार में फसल बिकती है। कोई भी राइस मिलर एक साथ इतनी क्षमता में नकद में अनाज नहीं खरीद सकता, उसे उधार में आढ़तियों के माध्यम से अनाज खरीदना पड़ता है।

मार्केट फीस सरकार द्वारा मंडियों में व्यापारियों पर लगाया गया शुल्क है, जो पहले फसल खरीद पर चार प्रतिशत होता था, जो अब एक प्रतिशत शुल्क फसल बेचने पर लगेगा। सरकार के इस फैसले का वह स्वागत करते हैं।

व्यापारियों को होगा फायदा : कृष्ण मित्तल

नई अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान कृष्ण मित्तल ने कहा कि सरकार ने मार्केट फीस को चार से घटाकर एक फीसद करके कई वर्गों को राहत दी है। मंडी आढ़ती सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं। अब मंडी में फसल खरीदने और बेचने को लेकर किसी भी तरह की कोई दिक्कत व्यापारियों को नहीं आएगी। इस फैसले से किसानों की फसल मंडी में ही बिकेगी।

मंडी के बाहर खरीद नहीं होनी चाहिए : श्याम बहादुर खुरानिया

पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान श्याम बहादुर खुरानिया ने कहा कि इससे आढ़तियों व राइस मिलरों को समान फायदा होगा। मंडी में जो राइस मिलर अनाज खरीदेगा उसे अब मार्केट फीस के रूप में एक प्रतिशत फीस खरीद पर देनी होगी। उनकी मांग है कि मंडी के बाहर कोई भी खरीद नहीं होनी चाहिए। मंडी के अंदर ही फसल की खरीद होनी चाहिए। आढ़ती हमेशा ही चाहता है किसान को फसल का अच्छा लाभ मिलेगा और सीजन के दौरान वह किसानों को भाव देने के लिए पूरी मेहनत भी करता है। सरकार के इस फैसले से मंडी में अनाज बेचने और खरीदने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

व्यापारियों की एकजुटता से मिली जीत : शोरेवाला

जिला मंडी एसोसिएशन के प्रधान अश्विनी शोरेवाला ने बताया कि व्यापारियों की एकजुटता के कारण जीत हासिल हुई है। सरकार ने मार्केट फीस चार फीसद से घटाकर एक फीसद की है और अन्य मांगों को मान लिया है। अब आढ़तियों के माध्यम से ही मंडियों में किसानों की पेमेंट होगी। मार्केट फीस कम होने से अनाज मंडियों से बाहर नहीं बिकेगा। मंडी के अंदर ही किसान अपनी फसल बेच सकेंगे। सरकार के इस फैसले से व्यापारियों और किसानों को फायदा होगा।

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