जैविक खेती की ओर बढ़ रहा किसानों का रूझान
किसानों ने पेस्टीसाइड का प्रयोग बंद कर जैविक खेती को अपनाना शुरू कर दिया है। इससे जहां जमीन की उर्वरता शक्ति कमजोर होने से बच रही है। वहीं आमदनी किसानों को अच्छी मिल रही है।
जागरण संवाददाता, कैथल:
किसानों ने पेस्टीसाइड का प्रयोग बंद कर जैविक खेती को अपनाना शुरू कर दिया है। इससे जहां जमीन की उर्वरता शक्ति कमजोर होने से बच रही है। वहीं आमदनी किसानों को अच्छी मिल रही है। प्रगतिशील किसानों का कहना है कि जब से जैविक खेती करनी शुरू की है। बीमारियां कम हो रही है। घर पर जैविक भोजन खा रहे है। किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर जैविक सब्जियां, मशरूम, शहद व धान की सीधी बिजाई शुरू कर दी है।
अमरूद बेचकर कमा रहे हैं अच्छे मुनाफा
प्रगतिशील किसान सतबीर दो एकड़ में बाग लगाते हैं। अमरूद व नींबू बेचकर किसान अच्छी आमदनी कमा रहे है। उनका कहना है कि इससे पहले वे धान व गेहूं की फसल उगाते थे। इतनी आमदनी नहीं होती थी, अब बाग से अच्छा मुनाफा हो रहा है। बाग लगाकर किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं।
400 के करीब शहद के डिब्बे रखे हुए हैं किसान ऋषिपाल
प्रगतिशील ऋषिपाल जांबा ने बताया कि 400 के करीब शहद के डिब्बे रखे हुए हैं। शहद बेचकर वे घर का गुजारा कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिग लेकर उन्होंने शहद का कारोबार शुरू किया है। शहद को राजस्थान व महाराष्ट्र, चंडीगढ़ के लोग लेकर जा रहे हैं।
मशरूम की होती है एडवांस बुकिग-
प्रगतिशील किसान जगदीप कैलरम मशरूम के दो हजार के करीब बैग तैयार कर रहे हैं। किसान के मशरूम की पहले बुकिग लोग करवा रहे हैं। उसी हिसाब से मशरूम को तैयार करते हैं। अब तक दिल्ली, राजस्थान सहित कई जगह मशरूम पहुंच रही है। इससे उनकी आमदनी अच्छी हो रही है। किसान का कहना है कि मशरूम स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। मशरूम खाने से बीमार कम होने का खतरा रहता है। शरीर के लिए मशरूम खाना अच्छा है।