घग्गर नदी में गिरने वाले गंदे पानी को रोकने के किए जाएं प्रबंध : डीसी

डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे घग्गर नदी को साफ करने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की तरफ सेस जारी हिदायतों पर गंभीरता से कार्य करें।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 12:38 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 06:32 AM (IST)
घग्गर नदी में गिरने वाले गंदे पानी को  रोकने के किए जाएं प्रबंध : डीसी
घग्गर नदी में गिरने वाले गंदे पानी को रोकने के किए जाएं प्रबंध : डीसी

जागरण संवाददाता, कैथल : डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे घग्गर नदी को साफ करने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की तरफ सेस जारी हिदायतों पर गंभीरता से कार्य करें। अपनी रिपोर्ट निर्धारित अवधि में प्रेषित करें।

उन्होंने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वे कैथल शहर में जन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दी जा रही पेयजल आपूर्ति एवं भूमिगत जल के सैंपल एकत्रित करवाकर जांच करवाएं।

डीसी डॉ. प्रियंका सोनी लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा घग्गर नदी में गिरने वाले गांवों के गंदे पानी को साफ करने व जिला की सीमा में घग्गर नदी में गंदे पानी को रोकने के लिए किए जाने वाले प्रबंधों की समीक्षा को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।

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जिला के 38 गांवों के गंदे पानी को घग्गर नदी में डालने से पहले इसे साफ किया जाना है, ताकि घग्गर नदी में गंदा पानी न बहे। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे इस सूची में ऐसे दो गांवों को सूची से हटवाएं, जो जिला कैथल में शामिल नही हैं। उन्होंने कहा कि इन शेष 36 गांवों में से 24 गांवों के गंदे पानी को साफ करने के लिए विभिन्न प्रबंध किए जाएं। उन्होंने एसडीएम, जीएम डीआइसी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य संबंधित अधिकारियों की समिति गठित करने के निर्देश दिए।

बाक्स- 14 गांवों में सूक्ष्म सिचाई बारे संभावनाएं तलाशी जा रही

उन्होंने कहा कि इन 36 गांवों में से 12 गांवों के पानी की दिशा बदलकर घग्गर नदी में गिरने से रोका गया है तथा इस पानी को वापस तालाब में लाया गया है। इसके अतिरिक्त 14 गांवों में सूक्ष्म सिचाई बारे संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। सींचेवाला मॉडल के अतिरिक्त इस समस्या के समाधान के लिए 3 व 5 पौंड प्रणाली के तहत इन गांवों के पानी को साफ किया जाएगा। उन्होंने सिचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे जिला में सभी ड्रेनों की निर्धारित अवधि तक सफाई करवाएं।

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ये रहे मौजूद

सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र नैन, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजबीर खुंडिया, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव कुमार, पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता आरके गोयल, सिचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रशांत कुमार व बनारसी दास मौजूद थे। -------------

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