अब तक मात्र 490 पशुपालकों के बने पशु क्रेडिट कार्ड

सरकार की तरफ से पशुपालकों के लिए पशु क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है ताकि उनको पशुओं का पालन करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके बावजूद उनको क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Sep 2020 06:18 AM (IST) Updated:Sun, 06 Sep 2020 06:18 AM (IST)
अब तक मात्र 490 पशुपालकों के बने पशु क्रेडिट कार्ड
अब तक मात्र 490 पशुपालकों के बने पशु क्रेडिट कार्ड

जागरण संवाददाता, कैथल: सरकार की तरफ से पशुपालकों के लिए पशु क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है ताकि उनको पशुओं का पालन करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके बावजूद उनको क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे योजना का लाभ लेने के लिए बैंक और विभाग कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से स्कीम तो शुरू कर दी है, लेकिन लाभ नाममात्र ही मिला है। आवेदन जमा करवाने के दो माह बाद भी बैंक की तरफ से कागजों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बैंक कर्मचारी क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए इधर- उधर चक्कर कटवा रहे हैं।

10 हजार हुए आवेदन

जिलेभर में क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए 10 हजार आवेदन हो चुके हैं, लेकिन लाभ अभी तक 490 पशुपालकों को ही मिला है। बाकी के पशुपालक कभी बैंक तो कभी कार्यालय में पहुंच रहे हैं। रोजाना ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिन्हें लोन नहीं दिया जा रहा।

बैंक कर्मचारी कटवा रहे चक्कर

कपिल हरसौला ने बताया कि वह दो महीने से क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक के चक्कर काट रहा है। कोई कर्मचारी सुनवाई नहीं कर रहा है। बैंक के कर्मचारी एक दो दिन का समय देते हैं और उसके बाद भी काम नहीं करते। सरकार को इन बैंकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

गवाह मांग रहे बैंक

अंकित तितरम ने बताया कि सरकार की तरफ से एक लाख 60 हजार रुपये तक लोन बिना गवाह के देने की योजना बनाई है। इसके बावजूद बैंक गवाह मांग रहे हैं। कभी कागजों में कमी बता कर वापस लौटा देते हैं तो कभी विभाग के कार्यालय जाने को कहते हैं। योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

छह महीने से काट रहे चक्कर

सुमित ने बताया कि क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए पिछले छह महीने से बैंक के चक्कर काट रहा है। अभी तक कोई क्रेडिट कार्ड नहीं बनाया गया है। कभी कोई कमी निकाल देते हैं तो कभी कोई। हर बार नई बात बताते हैं।

बैंकों को सौंप दिया जाता आवेदन

पशुपालन विभाग क्रेडिट कार्ड नोडल अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि जो आवेदन हमारे पास आते हैं। उन्हें तुरंत बैंकों को सौंप दिया जाता है। उसके बाद ही बैंकों को क्रेडिट कार्ड बनाना होता है। आगामी कार्यवाही उनके कर्मचारियों द्वारा की जाती है।

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