कैथल में भी धारा 370 इसे 21 को हटा दियो

दिन रविवार सुबह के 11 बजे हैं। कैथल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी लीला राम गुर्जर सेक्टर 20 में आयोजित चुनावी जनसभा में मंच पर पहुंचते हैं। यहां पार्टी पदाधिकारी व जनसभा के आयोजक फूल मालाओं से स्वागत करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 02:40 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 06:13 AM (IST)
कैथल में भी धारा 370  इसे 21 को हटा दियो
कैथल में भी धारा 370 इसे 21 को हटा दियो

सुरेंद्र सैनी, कैथल :

दिन रविवार सुबह के 11 बजे हैं। कैथल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी लीला राम गुर्जर सेक्टर 20 में आयोजित चुनावी जनसभा में मंच पर पहुंचते हैं। यहां पार्टी पदाधिकारी व जनसभा के आयोजक फूल मालाओं से स्वागत करते हैं। दो वरिष्ठ नेताओं के मंच पर बोलने के बाद प्रत्याशी लीला राम को बोलने का मौका मिलता है। मंच संभालते ही बोले पहले तो वे सभी साथियों से माफी मांगते हैं, क्योंकि कार्यक्रम में देरी से पहुंचे हैं। देरी हो भी जाती है, क्योंकि चुनाव का समय है, रास्ते में कोई रोक लेता है तो रूकना पड़ता है, नहीं रूके तो नाराज हो जाते हैं और चुनाव में किसी को नाराज नहीं किया जा सकता। माफी इसलिए भी मांग रहा हूं, क्योंकि उन्हें पता है कि यहां माफी मिल जाएगी। इस कार्यक्रम को उसके छोटे व बड़े भाई आयोजित कर रहे हैं।

20 साल पहले का समय याद करूं तो उन्होंने उस समय जब चुनाव लड़ा था तो इन भाइयों ने उम्मीद से भी ज्यादा बढ़कर साथ दिया था। यही कारण था कि वे 18 हजार रिकार्ड मतों से चुनाव जीत थे। इस बार जीत की उम्मीद पिछले रिकार्ड से भी ज्यादा की है।

भाषण को आगे बढ़ते हुए लीला राम कहते है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर नया इतिहास रचा है। देश के लिए धारा 35 व 370 एक तरह से कैंसर की बीमारी थी, जिसे हटाकर पूरे देश को एक झंड़े के नीचे लाने का काम किया। कैथल में भी एक तरह से पिछले 15 सालों से धारा 370 ही लगी हुई है, भाइयों इस बार के चुनाव में इसे भी हटवा दियो।

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नाश्ते में लिए कढ़ी-चावल

प्रत्याशी लीला राम ने कार्यक्रम के आयोजक मनोज बंसल के घर नाश्ता किया। कढी-चावल, एक पुरी व सलाद नाश्ता में लिया। यहां से चले तो युवाओं की भीड़ ने घेर लिया। सेल्फी ली और फोटो खिचवाई। मकान के बाहर निकलते ही द्वार पर खड़ी बुजुर्ग महिलाओं से मिल आशीर्वाद लेते हुए अगले कार्यक्रम के लिए निकल पड़े। शहर के खुराना रोड पर स्थित संगम पैलेस में पहुंचे। यहां ब्राह्म्ण सम्मेलन आयोजित किया हुआ था। कार्यक्रम में मंच पर पहुंचते ही स्वागत कार्यक्रम शुरू हुआ। दो से तीन मिनट स्वागत के बाद वक्ताओं ने बोलना शुरू किया। पांच से छह वक्ता बोलने के बाद लीला राम को मंच मिला। बोले यहां सभी सम्मानित वर्ग बैठा हैं, इस समाज के सामने मै क्या बोलूं क्योंकि इस समाज ने तो हर वर्ग को आईना दिखाने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि अगर वे दादा शब्द कहकर बोले तो किसी को कोई एतराज तो नहीं है, तो पंडाल ने हां भरी तो आगे भाषण शुरू किया। बोले इस समाज के लोगों के साथ उनका विशेष लगाव रहा है, उनका क्या हर समाज के लोग ब्राह्म्णों को सम्मान की नजर से देखते हैं।

एक उदाहरण देते हुए का कि चाहे जाटो का गांव हो या गुर्जर, सैनी, रोड या अन्य 36 बिरादरी का गांव हो। अगर वहां ब्राह्म्ण के चार घर भी हो तो ब्राह्म्ण परिवार से किसी ने कह दिया कि इस बार सरपंच उन्हें बना दो तो पूरा गांव एक मत हो जाता है, यह सम्मान की ही तो बात है। उनके ऊपर तो इस समाज का हमेशा से ही आशीर्वाद रहा है।

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रात को दो बजे तक चलता प्रचार

प्रत्यशी लीला राम सुबह नौ बजे प्रचार के लिए निकल पड़ते हैं, रात को दो बजे तक प्रचार करते हैं। 10 बजे तक लाउड स्पीकर के साथ जलसों में, इसके बाद डोर-टू-डोर प्रचार शुरू हो जाता है। दोपहर व रात को भोजन कार्यकर्ताओं के साथ होता है। सुबह फल व दूध, सब्जी के साथ एक रोटी लेकर पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ प्रचार के लिए निकल पड़ते हैं। रात को प्रचार खात्म होने के बाद आगामी कार्यक्रमों की प्लानिग टीम के साथ बैठकर बनाते हैं। इस दौरान 120 से 125 जगहों पर चाय हो जाती हैं। कई गांव में तो कार्यक्रम 10 चाय का रखा होता है, लेकिन कार्यकर्ताओं के आग्रह पर 20 से 25 जगह चाय कार्यक्रम हो जाते हैं।

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