महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण शुरू

जागरण संवाददाता कैथल गांव मूंदड़ी में महर्षि वाल्मीकि के नाम से बनने वाले प्रदेश की पहले स

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 08:43 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 08:43 AM (IST)
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण शुरू
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण शुरू

जागरण संवाददाता, कैथल : गांव मूंदड़ी में महर्षि वाल्मीकि के नाम से बनने वाले प्रदेश की पहले संस्कृत विश्वविद्यालय की चारदीवारी के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। 20 एकड़ में स्थापित होने वाले विवि में पहली बार कोई निर्माण शुरु हुआ। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यहां जल्द ही भवन बनाकर विद्यार्थियों की कक्षाएं लगाने की योजना है। इस निर्माण कार्य के तहत परिसर निर्माण वाली जगह पर ट्यूबवेल लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। शुरूआत में तीन करोड़ रुपये का टेंडर लगा है। बता दें कि विश्वविद्यालय में भवन परिसर का निर्माण कार्य शुरू न होने को लेकर यहां पर कई बार विवाद भी हुआ है। विवि परिसर में भवन का निर्माण कार्य शुरू न होने का मुख्य कारण यहां बने 155 फीट नाले पर सड़क निर्माण की अनुमति नहीं मिलना भी रहा। परंतु अप्रैल में लगाए गए टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद यहां चारदीवारी बनाने का कार्य शुरू करवा दिया है। चारदीवारी के निर्माण को लेकर यहां पर ट्यूबवेल लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके निर्माण के बाद यहां चारदीवारी बनाई जाएगी। शुरूआत में विवि भवन के निर्माण कार्य में कुल 20 करोड़ रुपये की ग्रांट सरकार द्वारा गई है। राजकीय कालेज में अस्थायी रूप से स्थापित की गया है विवि

भवन निर्माण न होने की स्थिति में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय को गांव जगदीशपुरा स्थित राजकीय कालेज में अस्थायी रूप से कक्षाएं लगाई जा रही हैं। वर्तमान में कालेज के भवन में विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्यालय बनाया गया है। कोरोना महामारी के कारण कक्षाएं आनलाइन माध्यम से लग रही हैं। परंतु महामारी से पहले यहां पर कक्षाएं लगाई जा रही थी। सरकार की ओर से शुरुआत में विवि के निर्माण के लिए कुल 20 करोड़ रुपये की ग्रांट दी गई है। इसी कड़ी में विवि भवन की चारदीवारी के लिए कुल तीन करोड़ रुपये का टेंडर अप्रैल में लगाया गया है। जिसे खोलने की प्रक्रिया के बाद यहां पर चारदीवारी का कार्य शुरू करवाया गया है। चारदीवारी का कार्य पूरा होने के बाद भवन निर्माण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-प्रो. यशवीर सिंह आर्य, कुलसचिव महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, मूंदड़ी, कैथल।

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