मौसम ने ली करवट, सर्दी के मौसम की पहली बरसात से गेहूं को फायदा, सब्जियों को नुकसान

जागरण संवाददाता कैथल पहाड़ों में पड़ रही बर्फ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण रविवार दोप

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 05:49 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 05:49 PM (IST)
मौसम ने ली करवट, सर्दी के मौसम की पहली बरसात से गेहूं को फायदा, सब्जियों को नुकसान
मौसम ने ली करवट, सर्दी के मौसम की पहली बरसात से गेहूं को फायदा, सब्जियों को नुकसान

जागरण संवाददाता, कैथल : पहाड़ों में पड़ रही बर्फ और पश्चिमी विक्षोभ के कारण रविवार दोपहर तीन बजे के बाद मौसम ने अचानक करवट ली। शुरूआत में कुछ मिनट तक बूंदाबांदी हुई। परंतु इसके बाद सर्दी के मौसम की पहली तेज बरसात शुरू हो गई। बरसात से जहां खेतों में किसानों द्वारा उगाई गई गेहूं की फसल को फायदा मिलेगा। वहीं, मंडियों में खुले आसमान के नीचे रखा धान भीगने से किसानों को नुकसान भी हुआ। बरसात के कारण अधिकतम तापमान में भी तीन से चार डिग्री गिरावट दर्ज की गई। इसी प्रकार से न्यूनतम तापमान भी दो डिग्री तक गिरा। रविवार को बरसात होने से दोपहर तीन बजे से पहले तापमान 25 डिग्री था। जबकि बरसात होने के बाद यह चार डिग्री घटकर 21 डिग्री पर रह गया। जबकि न्यूनतम तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट हुई, न्यूनतम तापमान नौ डिग्री था, जो सात डिग्री पर पहुंचा। बरसात के बाद ठंड भी बढ़ी। जिसके बाद लोगों ने ठंड के मौसम से अपना बचाव करने के लिए अधिक गर्म पेय पदार्थों का सेवन किया। जिले में विभिन्न स्थानों पर करीब दो एमएम बरसात दर्ज की गई। चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के अधीन कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार बरसात होने के बाद जहां गेहूं की फसल को फायदा मिला। वहीं, सीवन सहित अन्य क्षेत्र में उगाई गई अधिकतर सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे आलू, गोभी, गाजर, मूली सहित अन्य सब्जियों को नुकसान हुआ। कृषि विभाग के अनुसार जिला के सीवन क्षेत्र में 60 प्रतिशत व कैथल क्षेत्र के 30 प्रतिशत क्षेत्र में सब्जियों की खेती किसानों की ओर से की जाती है। अब इन सब्जियों को खेतों में पानी सूखने के बाद ही काटा जा सकता है। गेहूं की बिजाई होने के पहली बरसात से फसल को फायदा हुआ है। शाम को पांच बजे मौसम ने करवट ली। इसके बाद आसमान में काले बादल छा गए। शाम को करीब पांच बजे अच्छी बरसात हुई। बरसात होने के बाद ठंड बढ़ने पर लोग गर्म कपड़े पहने नजर आए। बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर गलियों में जलभराव हो गया। बरसात के कारण के कारण कई दिनों से आसमान में फैला प्रदूषण भी काफी कम हो गया है।

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चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के अधीन कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य समन्वयक डा. रमेश चंद वर्मा ने बताया कि इस बरसात से सब्जियों का कोई फायदा नहीं मिलेगा। इसमें केवल नुकसान ही होगा। जबकि गेहूं की फसल को काफी फायदा मिलेगा। वर्मा ने बताया कि पहाड़ों में पड़ रही बर्फ के चलते पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव आया है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण मैदानी इलाकों में बरसात हुई। उन्होंने बताया कि जहां पर गेहूं की बिजाई पूरी तरह से हो चुकी है, वहां पर यह मौसम काफी फायदेमंद साबित होगा। वर्मा ने बताया कि अभी सोमवार को पूरा दिन बरसात की संभावना बनी रहेगी। तापमान में गिरावट रहेगी। वर्मा ने बताया कि बरसात से रविवार को अधिकतम तापमान में 21 डिग्री व न्यूनतम तापमान सात डिग्री दर्ज किया गया। जबकि दो एमएम बरसात हुई सोमवार को भी बरसात होने की संभावना है।

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बरसात के बाद कम हुआ एक्यूआइ :

रविवार को दोपहर बाद हुई बरसात के कारण एक्यूआइ का स्तर भी कम हो गया। बरसात से वायु में जमा प्रदूषण के कण खत्म हो जाते हैं और मौसम साफ हो जाता है। शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 276 पर पहुंचा हुआ था जो रविवार को 205 पर रह गया। सोमवार या मंगलवार तक वायु में प्रदूषण का स्तर बिल्कुल कम होने की संभावना है। बता दें कि नवंबर माह में इंडेक्स 300 के आस पास ही रहा है, जिसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई थी। प्रदूषण के कारण शाम के समय आंखों में जलन की समस्या सबसे ज्यादा हो रही थी।

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