एचएसजीपीसी में गहराया आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला

हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (एचएसजीपीसी) में अंदरुनी खींचतान बढ़ती जा रही है। प्रधान जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल के करीब एक साल के कार्यकाल में उनके नेतृत्व को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:33 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:33 AM (IST)
एचएसजीपीसी में गहराया आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला
एचएसजीपीसी में गहराया आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला

जागरण संवाददाता, कैथल: हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (एचएसजीपीसी) में अंदरुनी खींचतान बढ़ती जा रही है। प्रधान जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल के करीब एक साल के कार्यकाल में उनके नेतृत्व को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। उन पर पद के दुरुपयोग के साथ-साथ गोलक की राशि गैर-कानूनी तरीके से इस्तेमाल करने तक के आरोप लगाए गए हैं। मंगलवार को कैथल के गुरुद्वारा नीम साहिब में हुई बैठक में पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा और उनकी प्रधानगी में वरिष्ठ उपप्रधान रहे दीदार सिंह नलवी मुख्य रूप से गरजे। उनका कहना था कि जत्थेदार दादूवाल अब प्रदेश सरकार की मार्फत एचएसजीपीसी का ताना-बाना खराब करने में जुटे हैं। जिस वक्त यह बैठक चल रही थी, ठीक उस वक्त दादूवाल चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निवास पर उनके साथ बातचीत कर रहे थे।

दादूवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि नलवी चुनाव में उनके साथ थे, उन्हें कोई पद नहीं मिला तो अब उनकी प्रधानी गैर-कानूनी हो गई। वह सिर्फ कमेटी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। जिन लोगों ने मीटिग की कार्रवाई पर साइन किए हैं, उन्हें तो प्रदेश सरकार की ओर से पहले ही कमेटी से निकाला जा चुका है।

बैठक में कमेटी के पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा, उप प्रधान अजीत सिंह, गुरमीत सिंह सिरसा, मोहनजीत सिंह, हरप्रीत सिंह नरूला, हरपाल सिंह मछौंडा व अवतार सिंह चक्कु ने कहा कि दादूवाल ने चुनाव जीतने के बाद चुनाव अधिकारी से सर्टिफिकेट भी नहीं लिया। जनरल हाउस की स्वीकृति के बिना उनकी नियुक्ति और उनके द्वारा गठित की गई कार्यकारिणी का कोई औचित्य नहीं बनता। बैठक में मौजूद सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रधान पद पर गैर-कानूनी तरीके से काबिज होकर दादूवाल गोलक की राशि का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कमेटी का बजट तक तैयार नहीं किया। बता दें कि 13 अगस्त 2020 को चीका स्थित एचएसजीपीसी के कार्यालय में प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें दादूवाल को 36 में से 19 वोट मिले थे। उनके प्रतिद्वंद्वी जसबीर सिंह खालसा को 17 वोट हासिल हुए थे।

सरकार का नोटिफिकेशन भी गैर : कानूनी

नलवी ने बताया कि 20 मई 2021 को प्रदेश सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें 10 नए सदस्यों को कमेटी का सदस्य मनोनीत किया गया है। यह नोटिफिकेशन कमेटी के एक्ट के मुताबिक पूरी तरह से गैर-कानूनी है। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट एक्ट 2014 के अनुसार कमेटी में 41 सदस्य ही हो सकते हैं, जो कि पहले से ही हैं। 10 और जोड़ने पर सदस्यों की संख्या 51 हो गई है, जोकि एक्ट का उल्लंघन और गैर-कानूनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बलजीत सिंह दादूवाल के कहने पर सरकार ने यह नोटिफिकेशन जारी किया है। दादूवाल ने सरकार को लिखकर दिया है कि चार सदस्यों की मौत हो गई है। पांच को उन्होंने निकाल दिया है और एक स्वयं छोड़कर चले गए हैं। नलवी और जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी में सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल की ओर से की जाती है और वही सदस्यों को निकाल सकते हैं। प्रधान के पास भी यह अधिकार नहीं है।

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