दो दिन से हो रही बारिश ने खोली मानसून की तैयारियों की पोल
मानसून की दूसरी बरसात से शहर की गलियां व सड़कें जलमग्न हो गई। लघु सचिवालय के मुख्य गेट से लेकर शहर की तरफ जाने वाली सभी सड़कें डेढ़ घंटे तक बरसाती पानी के कारण तालाब बनी रही।
जागरण संवाददाता, कैथल : मानसून की दूसरी बरसात से शहर की गलियां व सड़कें जलमग्न हो गई। लघु सचिवालय के मुख्य गेट से लेकर शहर की तरफ जाने वाली सभी सड़कें डेढ़ घंटे तक बरसाती पानी के कारण तालाब बनी रही। दो दिन से हो रही बरसात ने जिला प्रशासन के मानसून की तैयारियों के दावों की पोल खोल दी है। पानी निकासी को लेकर किए गए प्रबंध नाकाम साबित हुए और लोगों को आने-जाने में परेशानी उठानी पड़ी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार वीरवार को भी बरसात होने का अनुमान है। ऐसे में यदि पानी निकासी के इंतजाम पूरे नहीं हुए तो आने वाले दिनों में लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती है। हालांकि बरसात के बाद आमजन को उमस भरी गर्मी से तो निजात मिली, लेकिन सड़कों पर जमा हुए पानी ने दिक्कत भी बढ़ा दी। पुराने शहर और कई निचले इलाकों घरों में पानी घुस गया। सड़कों पर दुकानदारों ने पानी की निकासी के लिए सीवरेज के मैन होल खोल दिए ताकि पानी की निकासी हो सके।
बरसात के बाद तापमान में आई गिरावट
बरसात के बाद जिले के तापमान में दो दिन से करीब आठ डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार व बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से लुढ़ककर 31 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। वहीं न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बता दें कि बुधवार को सुबह आसमान में बादल छाए रहे। उसके बाद 11 बजे के करीब हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई और दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब तेज बरसात शुरू हो गई।
यहां जमा हो गया पानी
पिहोवा चौक से लेकर कमेटी चौक, माता गेट, पुराना बस स्टैंड, अंबाला रोड, करनाल रोड, छात्रावास रोड, भगत सिंह चौक, कमेटी चौक, करनाल रोड, कबूतर चौक, चंदाना गेट, रेलवे गेट, माता गेट व जींद रोड सहित कई कालोनियों में करीब एक-एक फीट से ज्यादा पानी जमा हो गया। बरसात के पानी से निकलने में दोपहिया वाहन चालकों को परेशानी हुई। पानी में बाइक बंद हो गई। लघु सचिवालय के गेट के पास ज्यादा पानी एकत्रित होने के कारण चारों तरफ से वाहन एकत्रित हो गए और जाम लग गया।
धान की फसल के लिए फायदेमंद रही बरसात
किसान मनोज सिंह, दिनेश कुमार, राजेंद्र, रामनिवास, रामकुमार व राजा ने बताया कि बरसात न होने से धान की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। पशुओं के हरे चारे की फसल मुरझा रही थी। अब बरसात के कारण फसलों में पानी की आपूर्ति सही होगी। किसान पिछले कई दिनों से तेज बरसात का इंतजार कर रहे थे। खेतों की सिचाई में अड़चन पैदा कर रखी थी। बरसात से कई दिनों तक खेतों में पानी जमा रहेगा और फसलों की पौध का विकास तेजी से होगा। कहां कितनी बारिश
कैथल - 23 एमएम
पूंडरी - 03 एमएम
राजौंद- 06 एमएम
सीवन - 08 एमएम
गुहला - 52 एमएम
बुधवार को जिलेभर में अच्छी बरसात हुई है। 18 जुलाई तक बरसात होने का अनुमान है। किसानों की फसल के लिए बरसात फायदेमंद है। अभी फसलों को बरसात से कोई नुकसान नहीं है।
- डा. रमेश चंद्र वर्मा, मुख्य समन्वयक कृषि विज्ञान केंद्र।