मेरी फसल-मेरा ब्यौरा एप से संबंधित किसानों की समस्याओं का किया गया निवारण

उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि किसानों की सुविधा को देखते हुए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल तीन अक्टूबर तक खुला हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 08:00 AM (IST)
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा एप से संबंधित किसानों की समस्याओं का किया गया निवारण
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा एप से संबंधित किसानों की समस्याओं का किया गया निवारण

कैथल (वि): उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि किसानों की सुविधा को देखते हुए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल तीन अक्टूबर तक खुला हुआ है। जो किसान अब तक मेरी फसल-मेरा ब्यौरा से नहीं जुड़े वे पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करवा सकते हैं। उपायुक्त प्रदीप दहिया कैंप कार्यालय में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा से संबंधित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल से संबंधित जो भी समस्या आ रही है, उनका तुरंत समाधान करें। मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल को तीन अक्टूबर तक खुला है। बैठक में पोर्टल से संबंधित आई हुई सभी चार समस्याओं का निवारण कर दिया है। उपायुक्त ने कृषि विभाग के उप निदेशक को निर्देश दिए कि किसानों को पोर्टल से संबंधित जो भी समस्या हो तो किसानों के साथ बैठक करके उनको सुलझाया जाए। उन्होंने कहा कि तीन अक्टूबर तक किसान पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण करा लें ताकि फसलों की गांठें बनाने पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ मिलने वाली राशि लेने में किसी प्रकार की समस्या ना आए और पंजीकरण करवाने पर किसानों को फसल बेचने में भी कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जसविद्र, डीआइओ दीपक खुराना मौजूद रहे।

संस्कृत की नवनियुक्त जिला कार्यकारिणी का किया स्वागत

संस, कलायत : चंक्य फाउंडेशन चंदाना की तरफ से नवनियुक्त संस्कृत जिला कार्यकारिणी का संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को सुदृढ़ करने के लक्ष्य को लेकर स्वागत किया गया। सम्मान समारोह के माध्यम से संगठन को यह सम्मान दिया गया। चंक्य फाउंडेशन प्रधान एडवोकेट देवेंद्र शर्मा की देखरेख में सम्मान समारोह के माध्यम से संस्कृत विषय को लेकर व्यापक चितन-मंथन हुआ। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के साथ हो रहे भेदभाव के विभिन्न प्रकरणों पर जागरूकता जरूरी है। संस्कृत भाषा के विस्तार के लिए संस्कृत अध्यापक एवं संस्कृत भाषा के प्रचारकों को लेकर विचार-विमर्श हुआ। बैठक की अध्यक्षता एडवोकेट दिनेश पाठक ने की। अधिवक्ता असीम और राजवीर ने संस्कृत को आधुनिक समय में कंप्यूटर की सर्वोत्तम भाषा बताया।

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