भगवान परशुराम राजकीय बहुतकनीकी संस्थान शेरगढ़ का नाम बदलने पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने जताया रोष
ब्राह्मण समाज के लोगों ने भगवान परशुराम राजकीय बहुतकनीकी संस्थान शेरगढ़ का नाम बदलने पर लघु सचिवालय में रोष जताया। सदस्यों ने कहा कि गांव शेरगढ़ में राजकीय बहुतकनीकी संस्थान का उद्घाटन 13 अगस्त 2014 को हुआ था।
जागरण संवाददाता, कैथल : ब्राह्मण समाज के लोगों ने भगवान परशुराम राजकीय बहुतकनीकी संस्थान शेरगढ़ का नाम बदलने पर लघु सचिवालय में रोष जताया। सदस्यों ने कहा कि गांव शेरगढ़ में राजकीय बहुतकनीकी संस्थान का उद्घाटन 13 अगस्त 2014 को हुआ था। तब इस कालेज का नाम भगवान परशुराम राजकीय बहुतकनीकी संस्थान रखा था, लेकिन संस्थान के दस्तावेजों में संस्थान का पूरा नाम ही नहीं है। इससे ब्राह्मण समाज के लोगों में गहरा रोष है। उप्र प्रधान राजू डोहर ने कहा कि ब्राह्मण समाज ने इस विषय पर 20 दिन तक का जिला प्रशासन को समय दिया है। कालेज की जांच होनी चाहिए, नहीं तो ब्राह्मण समाज सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा। भ्रम कल्याण समिति के प्रधान रतन लाल शर्मा ने कहा कि चाहे हमें कितनी भी लड़ाई क्यों ना लड़नी पड़े। इस कालेज का नाम वापस लाकर रहेंगे। जिले में एक ही ऐसा कालेज था, जो भगवान परशुराम के नाम था, लेकिन वह भी नाम हटा दिया गया। ब्राह्मण समाज के लोगों ने कहा कि रावण दहन की प्रथा को बंद किया जाए। क्योंकि आने वाले ब्राह्मण समाज की पीढ़ी पर असर पड़ता है। रावण चार वेदों का विद्वान था और बहुत बड़ा ज्ञानी था। अगर पुतला ही जलाना है तो उन देशद्रोही लोगों का जलाओ, जो समाज में बुराइयां फैलाते हैं और अंधविश्वास फैलाते हैं। इस मौके पर ब्राह्मण युवा सभा के प्रधान सुरेश बजरंगी, सचिव सतबीर बाबा लदाना, सचिव प्रवीण शर्मा, केशियर राकेश शर्मा, विजय भारद्वाज, रोहताश शर्मा, कुलदीप, राजकुमार, राजपाल बाता, सतबीर थुआ, महिपाल , शिव कुमार, कृष्ण, पीएल भारद्वाज ,पवन पहलवान, राकेश शर्मा, पूर्व सरपंच मोहनलाल क्योड़क मौजूद थे।