शहीदों की याद दिलाने वाला स्मारक बदहाल, टूट रहे रणबांकुरों के नाम पत्थर

हरियाणा की पहचान जवान और किसान से ज्यादा होती है। साल 2013 में विभिन्न लड़ाईयों में शहीद हुए सैनिकों की याद में कमेटी चौक पार्क रोड पर हरियाणा शहीद स्मारक बनाया गया था। यह स्मारक 1947 से 1999 तक भारत मां की रक्षा के लिए शहादत देने वाले शहीदों की याद दिलाता है। इसके निर्माण कार्य पर एक करोड़ 70 लाख रुपये खर्च किए गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:00 AM (IST)
शहीदों की याद दिलाने वाला स्मारक बदहाल, टूट रहे रणबांकुरों के नाम पत्थर
शहीदों की याद दिलाने वाला स्मारक बदहाल, टूट रहे रणबांकुरों के नाम पत्थर

सुनील जांगड़ा, कैथल: हरियाणा की पहचान जवान और किसान से ज्यादा होती है। साल 2013 में विभिन्न लड़ाईयों में शहीद हुए सैनिकों की याद में कमेटी चौक पार्क रोड पर हरियाणा शहीद स्मारक बनाया गया था। यह स्मारक 1947 से 1999 तक भारत मां की रक्षा के लिए शहादत देने वाले शहीदों की याद दिलाता है। इसके निर्माण कार्य पर एक करोड़ 70 लाख रुपये खर्च किए गए थे।

अब बिना देखभाल के यह स्मारक बदहाल होता जा रहा है। जिन गौरव पट्टों पर सैनिकों के नाम लिखे हैं वे गौरव पट्ट टूट चुके हैं। नगर परिषद की तरफ से कोई संभाल नहीं की जा रही है। स्मारक पर एक लाइफ ट्री लगाया हुआ है, जिस पर सैकड़ों लाइटें लगी हुई हैं। इसमें भी कई लाइटें टूट चुकी हैं, जिन्हें ठीक नहीं किया जा रहा है। कुछ लाइटों के खंभों पर बिजली के तार खुले पड़े हैं, जिससे कोई भी हादसा हो सकता है। साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। शाम होते ही स्मारक के आगे रेहड़ी वालों का कब्जा हो जाता है। रेहड़ी वाले स्मारक के आगे गंदगी फैला रहे हैं, लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।

शहीद सैनिकों के बारे में दिया गया है विवरण

तत्कालीन लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने स्मारक का लोकार्पण किया था। स्मारक पर हरियाणा के 18 जिलों से विभिन्न युद्धों में शहीद हुए जवानों की जानकारी अंकित की गई है। किस वर्ष में और कौन सी लड़ाई में किस गांव का वीर सपूत देश के लिए कुर्बान हुआ यह जानकारी दी गई है। स्मारक में 18 गौरव पट्ट लगाए गए हैं। इन गौरव पट्टों पर जिले का नाम, लड़ाई का वर्ष, शहीद का रैंक, शहीद का नाम, शहीद की रेजिमेंट और शहीद के गांव के बारे में बताया गया है।

इन लड़ाईयों में शहीद हुए जवानों की है जानकारी

शहीद स्मारक में भारत के दूसरे देशों के साथ हुए विभिन्न युद्धों की जानकारी दी गई है। इनमें 1947-48 को हुआ कश्मीर आक्रमण। 1962 में हुआ भारत-चीन युद्ध। 1965 में हुआ भारत-पाकिस्तान युद्ध। 1971 में हुआ भारत-पाकिस्तान युद्ध। 1999 में हुआ कारगिल युद्ध। इसके अलावा आपरेशन ब्लू स्टार, मेघदूत, पवन और रक्षक में शहीद हुए जवानों को विवरण दिया गया है। स्मारक पर भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले कैथल के 20 स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी भी अंकित है। गौरव पट्टों पर अंबाला, भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, नारनौल, पानीपत, पंचकूला, रोहतक, रेवाड़ी, सोनीपत, हिसार, यमुनानगर, सिरसा जिलों के शहीदों का विवरण दिया गया है।

शहीद स्मारक की हालत बदतर बनी हुई है जो ठीक नहीं है। शहीदों के नाम लिखे गौरव पट्ट टूटने से शहीदों का अपमान हो रहा है। अगर प्रशासन ने जल्द ही वहां व्यवस्थाओं को ठीक नहीं किया तो सामाजिक संस्थाओं को आगे आना पड़ेगा।

राजू डोहर, प्रधान, जीवन रक्षक दल।

जल्द ही शहीद स्मारक का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण करने के बाद जो भी समस्याएं सामने आएंगी सभी का समाधान कर दिया जाएगा। गौरव पट्ट भी रिपेयर करवा दिए जाएंगे।

रविद्र सिंह, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद।

chat bot
आपका साथी