तीर्थ को चरम रोग जैसे कष्टों के निवारण का स्थल माना जाता है श्रीतीर्थ कसाण

गांव मटौर में स्थित श्री तीर्थ कसाण का इतिहास महाभारत वामन पुराण और भागवत पुराण

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:01 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:01 PM (IST)
तीर्थ को चरम रोग जैसे कष्टों के निवारण का स्थल माना जाता है श्रीतीर्थ कसाण
तीर्थ को चरम रोग जैसे कष्टों के निवारण का स्थल माना जाता है श्रीतीर्थ कसाण

कलायत : गांव मटौर में स्थित श्री तीर्थ कसाण का इतिहास महाभारत, वामन पुराण और भागवत पुराण से जुड़ा है। यह तीर्थ कैथल से लगभग 31 किलोमीटर दूरी पर मटौर गांव के पास स्थित है। नारद पुराण में ऐसा उल्लेख मिला कि श्री तीर्थ के इर्द-गिर्द विभिन्न प्रजातियों के बहुमूल्य वृक्ष हैं। इस कारण तीर्थ को चरम रोग जैसे कष्टों के निवारण का स्थल भी माना जाता है। इसके साथ ही भगवान शालीग्राम धरोहर को दुर्लभ माना जाता है। इसमें स्थापित पत्थर आकार की धरोहर को शालीग्राम के रूप में मान्यता है। इसका संबंध प्राचीन इतिहास की विख्यात धरोहर से है। देश में बहुत दुर्लभ स्थानों पर ही इस प्रकार के शालीग्राम देखने को मिलते हैं। मंदिर की विश्व पटल पर मुख्य रूप से पहचान श्री राधा कृष्ण के रूप में है। इसमें धार्मिक स्थल में भगवान श्री हरि व माता लक्ष्मी का पूजन होता है। मंदिर परिसर में कुरुक्षेत्र धरोहर की भांति गीता उपदेश, महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन की बाण बिस्तर पर लेटे गंगापुत्र भीष्म और मीरा बाई सहित विभिन्न आकर्षक मूर्तियां पत्थरों-कंकरीट से बनाई गई हैं। समय-समय पर श्री तीर्थ से दुर्लभ मूर्तियों के मिलने का सिलसिला लंबे समय से जारी है।

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धार्मिक स्थल परिसर में दिखती है विरासत की झलक :

फोटो नंबर : 40

श्री कसाण तीर्थ के महंत सुमेर दास ने बताया कि धार्मिक स्थल की मान्यता का डंका देश-दुनिया में बजता है। भारत की सांस्कृतिक विरासत की झलक यहां देखने को मिलती है। इस प्रकार के महत्व को देख कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा स्थल को विकसित करने के लिए अधिकृत किया गया है। सभी वर्गों के लोग भी गहरी आस्था की डोर से बंधकर धार्मिक स्थल को चार चांद लगाने के लिए सदैव प्रयासरत रहते हैं।

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धरोहर के कायाकल्प की उम्मीद :

फोटो नंबर : 41

ग्रामीण विरेंद्र मौण ने बताया कि सरकार द्वारा श्री कसाण तीर्थ को विकसित करने के लिए बड़ा बजट जारी किया गया था, लेकिन राजौंद खंड के गांव कसान और मटौर के पास स्थित श्री कसाण को लेकर कुछ अधिकारी असमंजस में रहते हैं। जबकि कुरुक्षेत्र की परिधि से जुड़े साक्ष्यों के माध्यम से वे इस बात का प्रमाण दे चुके हैं कि बजट श्री कसाण तीर्थ के विकास के लिए जारी हुआ है। दस्तावेजों में श्री तीर्थ की दूरी सहित सभी प्रमाण मौजूद हैं। उम्मीद है कि इस दिशा में प्रभावी कदम उठा जल्द श्री कसाण तीर्थ के जीर्णोद्धार का कार्य जमीनी स्तर पर शुरू होगा।

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