घर की छत गिरने से बाल-बाल बचा परिवार

कस्बे के विभिन्न हिस्सों में मकानों के धंसने और गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पानी निकासी न होने के कारण इस प्रकार के हालात बने हैं। वार्ड नंबर नौ निवासी बुजुर्ग ओमप्रकाश धीमान के मकान की छत का बड़ा हिस्सा गिर गया। गनीमत रही कि इस दौरान घटना स्थल पर कोई नहीं था। तेज धमाके की आवाज सुनकर परिवार और पास-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे। ओमप्रकाश धीमान ने बताया कि आवासीय क्षेत्र में तेजी से मकानों में दरारों के साथ-साथ निर्माण धंसने से लोगों में दहशत है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:58 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:58 AM (IST)
घर की छत गिरने से बाल-बाल बचा परिवार
घर की छत गिरने से बाल-बाल बचा परिवार

संवाद सहयोगी, कलायत : कस्बे के विभिन्न हिस्सों में मकानों के धंसने और गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पानी निकासी न होने के कारण इस प्रकार के हालात बने हैं। वार्ड नंबर नौ निवासी बुजुर्ग ओमप्रकाश धीमान के मकान की छत का बड़ा हिस्सा गिर गया। गनीमत रही कि इस दौरान घटना स्थल पर कोई नहीं था। तेज धमाके की आवाज सुनकर परिवार और पास-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे। ओमप्रकाश धीमान ने बताया कि आवासीय क्षेत्र में तेजी से मकानों में दरारों के साथ-साथ निर्माण धंसने से लोगों में दहशत है। बरसात के दिनों में समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है। उनके पास आय का कोई ठोस साधन नहीं है। वार्ड पांच और नौ में मकानों के धंसने की घटनाओं को लेकर लोगों में भारी रोष है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

ओमप्रकाश, रामलाल, राजपाल, सोनू पंडित, संजय कपूर, नरेश कुमार, संदीप, राजेंद्र, जयवंत, राजकुमार ने निकासी की ठोस व्यवस्था न होने के कारण प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि निकासी और सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। नाले और सीवरेज शहर में ठप पड़े हैं। सीवरेज से पानी की निकासी होने की बजाय गलियों-घरों के अंदर पानी बह रहा है। उन्होंने व्यवस्था को सुधारने की मांग प्रशासन से की है।

पटवार भवन में नहीं बैठता पटवारी, लोग परेशानी

संवाद सहयोगी, पाई : गांव में बने पटवारी भवन की बिल्डिग लोगों के लिए कोई काम नहीं आ रही है। ग्रामीणों को काम करवाने के लिए तो अब भी पहले की तरह धक्के खाने पड़ रहे हैं। पंचायत ने बिल्डिग बनवाई। ताकि पटवारी गांव में ही आकर उनके काम करे। इसके बावजूद पूंडरी जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव पाई में साल पहले रामलीला मैदान में पटवार खाने का निर्माण किया गया था। काम पूरा होने के बाद आज तक पटवारी नहीं बैठा। ग्रामीणों को पटवार खाने में जाने के बाद ताला ही लटका मिलता है। साथ ही गंदगी का ढेर लगा है। लोगों को पूंडरी जाकर काम करने वाले काफी समय लगता है। साथ ही उनके पैसों का भी नुकसान होता है। पटवार खाने का ताला खोला जाए और यहां पर कुर्सी मेज रखी जाए। ताकि ग्रामीणों को पूंडरी न जाना पड़े।

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