रेलवे अधिकारियों ने किया अंडरपास का निरीक्षण, खामियां दूर होंगी
जींद रोड पर बनाए गए रेलवे अंडरपास पर पानी की निकासी और लोहे की चादर को लेकर दौरा किया। विभागीय अधिकारी सीएससी अजय कुमार जेई विजय कुमार ठेकेदार रोहित कंसल मैकेनिकल कृष्ण कुमार मौजूद थे।
जागरण संवाददाता, कैथल : जींद रोड पर बनाए गए रेलवे अंडरपास पर पानी की निकासी और लोहे की चादर को लेकर दौरा किया। विभागीय अधिकारी सीएससी अजय कुमार, जेई विजय कुमार, ठेकेदार रोहित कंसल, मैकेनिकल कृष्ण कुमार मौजूद थे।
रेल यात्री कल्याण समिति का शिष्टमंडल प्रधान लाजपत राय सिगला की अध्यक्षता में रेलवे अंडरपास की देखरेख के इस कार्य को लेकर अधिकारियों से मिला।
बता दें कि 31 अगस्त के अंक में दैनिक जागरण ने अंडरपास: चार करोड़ की सहूलियत बनी मुसीबत शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें अंडरपास की समस्याओं को उठाया गया था। इसके बाद रेल यात्री कल्याण समिति ने भी आवाज उठाई और अधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे।
टीम के अधिकारियों से लाजपत राय सिगला ने कहा कि अंडरपास में बरसाती पानी की निकासी को रोकने के लिए लगाई गई चादर को और बढ़ाया जाए ताकि पानी अंदर न आए। बरसाती पानी अंदर आने से यहां कई-कई दिनों तक पानी जमा रहता है। रेलवे क्वार्टरों की तरफ से जो अंडरपास में पानी आता है, उसे रोका जाए। डा. अश्विनी हृतवाल ने कहा कि रेलवे की छत में गहरा गड्ढा है, उसे भरवाया जाए। डा. संजय ने कहा कि सड़क का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए। राजकुमार गर्ग ने कहा कि अंडरपास में बरसाती पानी के कारण लोग काफी परेशान रहते हैं। इस अवसर पर कर्मचंद जिदल, सतपाल गुप्ता, बलवंत जाटान, ओमप्रकाश मढाढ भी मौजूद थे।
वर्ष 2012 में हुई घोषणा, 2014 में निर्माण :जींद रोड और खनौरी बाइपास पर रेलवे अंडरपास बनाने की घोषणा वर्ष 2012 में हुई थी। इसके बाद 2014 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ था। तब से लेकर अब तक यहां पर पानी निकासी की व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं हो पाई है। अब तो अंडरपास की सड़क पर गहरे गड्ढे बन चुके हैं, जो हादसों का कारण बन रहे हैं।
रेलमार्ग पर कुल 27 अंडरपास :
जींद से कुरुक्षेत्र रेलमार्ग पर कुल 44 अंडरपास है। इसमें कैथल जिले में कुल 27 रेलवे अंडरपास आते हैं। शहर में दो मुख्य अंडरपास हैं, जहां पानी निकासी से लेकर सड़क खराब होने की समस्या है। थोड़ी सी बरसात में ही यहां पर सबसे अधिक परेशानी होती है।