फोरलेन सड़क का निर्माण बना ढाई हजार विद्यार्थियों के लिए परेशानी, रास्ता बंद होने से तीन किलोमीटर तक पैदल चल कर कालेज पहुंच रहे

मुख्यमंत्री घोषणा के तहत लोक एवं निर्माण विभाग द्वारा अंबाला रोड बाइपास से लेकर गांव क्योड़क तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। यह निर्माण कार्य विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बना है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 05:15 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 05:15 PM (IST)
फोरलेन सड़क का निर्माण बना ढाई हजार विद्यार्थियों के लिए परेशानी, रास्ता बंद होने से तीन किलोमीटर तक पैदल चल कर कालेज पहुंच रहे
फोरलेन सड़क का निर्माण बना ढाई हजार विद्यार्थियों के लिए परेशानी, रास्ता बंद होने से तीन किलोमीटर तक पैदल चल कर कालेज पहुंच रहे

जागरण संवाददाता, कैथल : मुख्यमंत्री घोषणा के तहत लोक एवं निर्माण विभाग द्वारा अंबाला रोड बाइपास से लेकर गांव क्योड़क तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। यह निर्माण कार्य विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बना है। विभाग द्वारा इस कार्य के तहत यहां पर 120 फीट लंबा व 90 फीट चौड़ा पुल भी बनाया जा रहा है। इस पुल के कारण यह रास्ता बंद कर रखा है।

बता दें कि पुल से लेकर गांव क्योड़क तक तीन शिक्षण संस्थान आते हैं। जिसमें राजकीय कालेज, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय और एनआइआइएलएम विश्वविद्यालय शामिल है। इनमें करीब ढाई हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। निर्माण कार्य के कारण इन विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है। यहां पर रास्ता बंद होने के कारण न तो बस आती है और न आटो। जिसके चलते विद्यार्थी करीब तीन किलोमीटर का सफर पैदल की तय करते हैं। विभाग के अनुसार पुल के निर्माण के चलते फरवरी 2022 तक यह रास्ता बनेगा। ऐसे में विद्यार्थियों को अगले तीन महीने तक और अधिक परेशानी होगी। विद्यार्थियों की मांग है कि उनके लिए कोई वैकल्पिक प्रबंध किया जाए। करना पड़ रहा कठिनाई का सामना : छात्रा आरती

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बीएएमसी प्रथम वर्ष की छात्रा आरती ने बताया कि वह शहर के अंबाला रोड स्थित राधा स्वामी कालोनी की निवासी है। पहले तो अंबाला रोड बाइपास से लोकल बस में चढ़कर वह कालेज पहुंच जाती थी। परंतु फोरलेन सड़क के निर्माण के कार्य के चलते उसे पैदल ही पुल तक पहुंचना पड़ता है। जिससे काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। समय भी काफी बर्बाद होता ही है। इसका समाधान किया जाना चाहिए।

वैकल्पिक रास्ता दिया जाए : छात्र रवि

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बीकाम द्वितीय वर्ष के छात्र रवि कुमार ने बताया कि वह शहर के नानकपुरी कालोनी से पहुंचता है। उसके पास कोई साधन नहीं है। ऐसे में वह पहले बस स्टैंड जाता था। उसके बाद बस के माध्यम से बस स्टैंड से कालेज पहुंचता था। परंतु तीन महीने हो गए हैं। उसे कैथल पहुंचने के लिए गांव क्योड़क जाना पड़ता है। क्योड़क जाने के बाद वह दूसरे रास्ते से कैथल पहुंचता है। ऐसे में उसे पांच किलोमीटर दूर जाने के लिए दोगुना किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इसके लिए वैकल्पिक रास्ता निकालना चाहिए।

चार पहिया वाहन के निकलने का भी रास्ता बने : छात्रा मानसी

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बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा मानसी ने बताया कि कुछ दिन पहले ही कालेज में आफलाइन कक्षाएं शुरू हुई हैं। पिछले वर्ष को कोरोना महामारी के कारण आनलाइन कक्षाएं चलती थी। इसलिए कालेज में आना-जाना नहीं था। अब आफलाइन कक्षाएं लगने के बाद यहां प्रतिदिन पहुंचना होता है। परंतु फोरलेन सड़क के निर्माण कार्य के कारण पुल से लेकर कालेज तक पैदल ही पहुंचना पड़ता है। संबंधित विभाग यहां पर चार पहिया वाहन के निकलने का भी रास्ता बनाएं। जिससे विद्यार्थियों की परेशानी कम हो सके।

कालेज तक आटो पहुंचने का किया जाए प्रबंध : छात्रा शिवानी

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बीकाम प्रथम वर्ष की छात्रा शिवानी ने कहा कि अंबाला रोड बाइपास से लेकर गांव क्योड़क तक बन रहे फोरलेन सड़क के निर्माण कार्य के कारण अधिक परेशानी कालेज के विद्यार्थियों को हो रही है। कम से कम ऐसा प्रबंध तो किया ही जाना चाहिए कि कालेज तक आटो पहुंच सके और विद्यार्थियों को पैदल सफर तय न करना पड़े।

वर्जन :

अंबाला रोड बाइपास से लेकर गांव क्योड़क तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य के दौरान पुल की एक तरफ रास्ता छोड़ा गया है। यह रास्ता अभी कच्चा है। जिस कारण चार पहिया वाहन यहां से नहीं निकल सकते। विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए जल्द ही यहां पर वैकल्पिक पक्का रास्ता बनाया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को परेशानी नहीं होगी।

केएस पठानियां, एक्सईएन, लोक एवं निर्माण विभाग, कैथल।

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