मानसून को लेकर तैयार नहीं संबंधित विभाग, नालों में फैली गंदगी को अभी तक नहीं किया गया साफ
जल्द ही मानसून आने वाला है। अनुमान है कि इस बार सामान्य से ज्यादा बरसात होने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, कैथल : जल्द ही मानसून आने वाला है। अनुमान है कि इस बार सामान्य से ज्यादा बरसात होगी यानि स्थानीय स्तर पर हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए ज्यादा तैयारियों की जरूरत है। मगर शहर में होने वाले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कोई कार्य शुरू नहीं किया गया है। संबंधित विभाग ने अभी तक नालों में भरी गंदगी को भी साफ नहीं किया है। शहर के लोगों में इन नालों की सफाई न होने पर रोष है। इन लोगों को कहना है कि जिला प्रशासन को इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है ताकि समस्या का समाधान हो सके। हर वर्ष मानसून के मौसम के समय में जिला प्रशासन द्वारा सीवरेज और बड़े नालों की सफाई को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन स्थिति में अधिक सुधार नहीं हो पाता है। शहर में कई ऐसी जगह हैं, जहां पर बड़े नाले और सीवरेज में अधिक बरसात के बाद जलभराव हो जाता है। इन नालों व सीवरेज की जून माह की शुरूआत में ही साफ-सफाई का कार्य किया जाता है। परंतु इस बार अभी तक इनकी सफाई को लेकर कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जिस कारण शहर में बड़े नालों में गंदगी का आलम है। कई स्थानों पर नालों को ढक्कन लगाकर ढका भी नहीं गया है, जिससे यहां पर जलभराव के साथ भयानक बीमारियां फैलने का भी खतरा है। इसके साथ ही शहर में जींद रोड और खनौरी रोड स्थित रेलवे अंडरपास में भी पानी निकासी को लेकर कोई उचित प्रबंध अभी तक नहीं किए गए हैं। नहीं होती सफाई : अमरगढ़ कालोनी स्थित दुकानदार कृष्ण सैनी ने बताया कि यहां स्थित नाले में सफाई नहीं होती है। जिस कारण इनमें गंदगी फैली है। नालों की सफाई न होने से बीमारियों का भी डर है। इस समय जल्द ही मानसून आने के कारण बरसात शुरू होने वाली है। ऐसे में इन नालों की सफाई करना अधिक जरूरी है। यदि सफाई नहीं होगी तो काफी कठिनाइयों का सामन यहां आसपास रहने वाले लोगों को करना पड़ेगा।
नालों पर नहीं ढक्कन : शहर निवासी बुजुर्ग कृष्ण कुमार ने बताया कि पुराना बस स्टैंड से न्यू करनाल रोड मार्ग पर स्थित नाले के ऊपर कहीं भी ढक्कन नहीं लगाए हैं। जिस कारण बरसात के समय यहां पर वाहन चालकों को यहां स्थित नाले की जानकारी नहीं होती। इसलिए वह कई बार चोटिल होते हैं। इसके साथ ही बच्चों के नाले में भी गिरने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए संबंधित विभाग को सभी नालों पर ढक्कन लगवाने चाहिए। अटे रहते हैं गंदे नाले
नगर परिषद के अधीन शहर के 16 गंदे नाले आते हैं। इन नालों की नियमित रूप से सफाई नहीं होती है, जिस कारण नाले गंदगी से भरे रहते हैं। इन नालों की सफाई के लिए नगर परिषद की तरफ से कुछ दिन पहले ही अभियान शुरू किया गया है। शहर में मानसून को लेकर ही अभियान चलाया जाता है। अब नप की टीमें जुलाई तक लगातार अभियान चलाएंगी और नालों की सफाई करेंगी। जलभराव से निपटने का प्लान तैयार
जनस्वास्थ्य विभाग ने बरसात के मौसम में सीवरेज के ओवरफ्लो होने की समस्या से निपटने के प्लान तैयार कर लिया है। जिसके तहत शहर में उन जगहों को चिन्हित किया गया है। जहां पर सीवरेज के ढक्कन टूटे हैं या यहां पर लीकेज की अधिक समस्या है। इसको लेकर साढ़े चार लाख रुपये का टेंडर दो दिन पहले ही लगाया गया है। जल्द ही काम शुरू करवा दिया जाएगा। शहर में किसी भी स्थान पर कोई भी नाला जनस्वास्थ्य विभाग के अधीन नहीं है। इन नालों की देखरेख और साफ-सफाई का कार्य नगर परिषद द्वारा किया जाता है।
- सतपाल रोज, एसडीओ, जनस्वास्थ्य विभाग, कैथल।