शहर में ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें खराब, एजेंसी का इंतजार

शहर में खराब लाइटों की मुख्य समस्या बनी हुई है। डेढ़ साल पहले नगर परिषद ने इस समस्या का समाधान करने का प्रयास किया था। हर वार्ड में पांच-पांच लाख रुपये की नई एलईडी लाइटें लगाने का प्रस्ताव पार्षदों ने पास किया था। नई लाइटों को लेकर टेंडर भी लगा दिया गया था लेकिन उसे रद कर दिया गया था। उसके बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से शहर में नई स्ट्रीट लाइटें लगाने को लेकर राजस्थान की एक एजेंसी को टेंडर दे दिया। करीब तीन महीने से पार्षद और शहर के लोग एजेंसी का इंतजार कर रहे हैं। अब ना तो नप ही नई लाइटें लगा रही है और ना ही एजेंसी अपना काम शुरू कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 06:42 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 06:42 AM (IST)
शहर में ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें खराब, एजेंसी का इंतजार
शहर में ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें खराब, एजेंसी का इंतजार

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर में खराब लाइटों की मुख्य समस्या बनी हुई है। डेढ़ साल पहले नगर परिषद ने इस समस्या का समाधान करने का प्रयास किया था। हर वार्ड में पांच-पांच लाख रुपये की नई एलईडी लाइटें लगाने का प्रस्ताव पार्षदों ने पास किया था। नई लाइटों को लेकर टेंडर भी लगा दिया गया था, लेकिन उसे रद कर दिया गया था।

उसके बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से शहर में नई स्ट्रीट लाइटें लगाने को लेकर राजस्थान की एक एजेंसी को टेंडर दे दिया। करीब तीन महीने से पार्षद और शहर के लोग एजेंसी का इंतजार कर रहे हैं। अब ना तो नप ही नई लाइटें लगा रही है और ना ही एजेंसी अपना काम शुरू कर रही है।

एजेंसी पहले शहर का सर्वे करेगी और उसके बाद काम शुरू करेगी। फिलहाल एजेंसी ने सर्वे का काम भी शुरू नहीं किया है। करीब छह साल पहले नई लाइटें लगाई गई थी। अब उनकी रिपेयर करके ही काम चलाया जा रहा है। 31 वार्ड हैं और हर वार्ड में 30 से 40 लाइटें खराब ही रहती हैं।

इन मार्गो पर है ज्यादा समस्या

भगत सिंह चौक से अंबेडकर चौक, खुराना रोड, करनाल रोड पर करीब 10 लाइटें, करनाल रोड से ढांड रोड तक करीब 40 लाइटें खराब पड़ी हैं। लाइटें खराब होने के कारण इन मार्गो पर अंधेरा रहता है। नगर परिषद की ओर से शहर में नई एलईडी लाइटें लगवाने को लेकर शहरी स्थानीय निकाय विभाग को डिमांड भी भेजी हुई है। नप ने 90 से 110 वाट की 1400 लाइटें। 18 से 25 वाट की 1445 लाइटें। 35 से 45 वाट की पांच हजार लाइटें। 60 से 65 वाट की 600 लाइटें। हाइमास्ट टावर के लिए 150 वाट की 150 लाइटें। 72 वाट की 270 लाइटों की डिमांड भेजी हुई है। सभी वार्डों में दस हजार 218 लाइटें लगी हुई हैं। इनके अलावा करनाल रोड, ढांड रोड, अंबाला रोड, जींद रोड, चीका रोड बाइपास पर 1760 लाइटें लगी हुई हैं। कुल 12 हजार लाइटों में से दो से तीन हजार लाइटें खराब रहती हैं।

नप की लाइट शाखा कर रही काम

फिलहाल नगर परिषद की लाइट शाखा लाइटों की रिपेयर का कार्य कर रही है। लाइट इंस्पेक्टर अरविद की देखरेख में काम हो रहा है। स्वच्छता एप और नगर परिषद कार्यालय में जो भी लाइटों से संबंधित शिकायत आती है उसका समाधान किया जाता है। नप के पास रोजाना 40 से 50 खराब लाइटों की शिकायतें आती हैं। कर्मचारी राजीव की टीम खराब लाइटों की रिपेयर करके शिकायतों को दूर कर रही है।

एजेंसी को वर्क ऑर्डर दिया हुआ

नगर परिषद के एक्सईएन हिमांशु लाटका ने बताया कि नई एलईडी लाइटें लगाने को लेकर निकाय विभाग की ओर से राजस्थान की एजेंसी को वर्क ऑर्डर दिया हुआ है। जल्द ही एजेंसी लाइटों को लेकर सर्वे शुरू करेगी, जिसके बाद शहर में नई एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी।

chat bot
आपका साथी