जिले भर में औसतन 24.14 एमएम बारिश
शनिवार को दिनभर रूक-रूककर बारिश होती रही। जिले भर में औसतन 24.14 एमएम बारिश हुई है। सबसे अधिक गुहला में 53 एमएम कलायत में 11 एमएम कैथल में 15 एमएम पूंडरी में आठ एमएम ढांड में 38 एमएम सीवन में नौ एमएम व राजौंद में 35 एमएम बारिश दर्ज की गई।
जागरण संवाददाता, कैथल: शनिवार को दिनभर रूक-रूककर बारिश होती रही। जिले भर में औसतन 24.14 एमएम बारिश हुई है। सबसे अधिक गुहला में 53 एमएम, कलायत में 11 एमएम, कैथल में 15 एमएम, पूंडरी में आठ एमएम, ढांड में 38 एमएम, सीवन में नौ एमएम व राजौंद में 35 एमएम बारिश दर्ज की गई। बता दें कि शनिवार सुबह सात बजे से बारिश शुरू हो गई थी। अधिकतम तापमान 28 डिग्री व न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस बारिश से जहां 1509, पीआर धान सहित कपास की फसल को नुकसान है, वहीं बारिश मुच्छल, बासमती व 1121 धान के लिए फायदेमंद रहेगी, क्योंकि इन फसलों में पत्ता लपेट, ब्लास्ट बीमारी के लक्षण पिछले कई दिनों से दिखाई दे रहे थे। इससे किसान परेशान होना शुरू हो गए थे। किसानों द्वारा इन बीमारियों को रोकने के लिए पेस्टीसाइड दवाई का खेतों में छिड़काव किया जा रहा था। अब बारिश से किसानों को बीमारियों से राहत मिलेगी। पेस्टीसाइड से छुटकारा मिलेगा।
गर्मी से मिली है राहत
बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। उमस भरी गर्मी से भी लोगों को राहत मिल गई है। सुबह के समय बादल छाए रहे , दोपहर को बारिश हो रही थी। बारिश के बाद अधिकतम व न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आएगी। बारिश होने से शहर के लघुसचिवालय, छात्रावास रोड, कबूतर चौक, कमेटी चौक सहित करनाल रोड पर कई जगह बारिश होने से पानी जमा हो गया। इससे सुबह के समय वाहन चालकों को आने जाने में परेशानी हुई। लोगों का कहना है कि पानी की निकासी का प्रबंध न होने के कारण बारिश में भी जलभराव हो जाता है। इस तरफ प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
बारिश से धान की अगेती किस्म की कुछ फसलों सहित कपास को नुकसान की संभावना है। पिछेती धान की किस्म को फायदा मिलेगा। किसान कपास की फसल में ज्यादा समय पानी एकत्रित न होने दें। धान की 1509 व पीआर फसल में भी आने वाले दो दिनों तक पानी न दें। सिचाई किए गए खेत से फसल गिरने का सबसे ज्यादा भय रहता है।
डा.रमेश चंद्र वर्मा, समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र।
बारिश से चीका की सड़कें जलमग्न, वकील कालोनी में गलियां लबालब
संस, गुहला-चीका: गुहला-चीका में भारी बरसात के कारण जहां मौसम खुशनुमा हुआ, वहीं पानी की निकासी न होने के कारण चीका के विभिन्न कालोनियों में भारी मात्रा में पानी जमा हो गया और लोगों को सुबह-सुबह ही गलियों में से निकलना मुश्किल हो गया। सिगला नर्सिंग होम वाली गली वकील कालोनी चीका में पहले भी थोड़ी सी बरसात से ही भारी मात्रा में पानी इकट्ठा हो जाता है। वकील कालोनी निवासी अभिनव शमर, राकेश, अनिल, विक्रम, सोनू, कालू ने नगरपालिका प्रशासन द्वारा पानी निकासी के व्यापक प्रबंध ना करने के कारण गलियों में पानी इकट्ठा होने को प्रशासन की लापरवाही बताया।
कलायत में पानी निकासी व्यवस्था ठप, गलियों व सड़कों पर जमा हो जाता है बारिश का पानी
संस, कलायत : शहर में पानी निकासी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बरसात में तो पानी मकानों, दुकानों, गलियों और सड़कों पर जमा हो जाता है। नालों के बजाय सड़कों-गलियों पर पानी बहता है। श्री कपिल मुनि धाम मार्ग, पुराने बाजार की मुख्य गली और रेलवे रोड के बड़े हिस्से पर जल भराव की समस्या गहरा रही है। नगर पालिका द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
नपा के पुराने भवन से राजकीय महिला महाविद्यालय को बस स्टैंड से जोड़ने वाले मार्ग के बीच नालों का बड़ा हिस्सा गायब हो चुका है। ऐसे में पानी सड़क और दुकानों के अंदर दस्तक देता है। विश्व हिदु परिषद जिला उपाध्यक्ष वीरभान निर्मल, युवा समाज सेवी राजेंद्र गर्ग व सुरेंद्र ने पानी निकासी के समाधान की मांग की है।