ड्रापआउट बच्चों का सर्वे शुरू, घर-घर जाकर ले रहे जानकारी

कैथल स्कूलों में से ड्रापआउट हो चुके बच्चों को स्कूल में वापस लाने के लिए अध्यापकों ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है। सभी अध्यापक घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं। बता दें कि यह सर्वे आगामी दस मार्च तक जारी रहेगा। विभाग ने उन बच्चों की पहचान को लेकर सर्वे किया है जिन बच्चों ने कोरोना महामारी के बाद से स्कूल में दाखिला नहीं लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 06:26 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 06:26 AM (IST)
ड्रापआउट बच्चों का सर्वे शुरू, घर-घर जाकर ले रहे जानकारी
ड्रापआउट बच्चों का सर्वे शुरू, घर-घर जाकर ले रहे जानकारी

जागरण संवाददाता, कैथल : स्कूलों में से ड्रापआउट हो चुके बच्चों को स्कूल में वापस लाने के लिए अध्यापकों ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है। सभी अध्यापक घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं। बता दें कि यह सर्वे आगामी दस मार्च तक जारी रहेगा। विभाग ने उन बच्चों की पहचान को लेकर सर्वे किया है, जिन बच्चों ने कोरोना महामारी के बाद से स्कूल में दाखिला नहीं लिया है। इन्हीं बच्चों को स्कूल में ले जाने के लिए यह सर्वे शुरू किया गया है। बुधवार को इस सर्वे का दूसरा दिन रहा। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल के समय में ही अध्यापकों को सर्वे करने की हिदायत जारी की गई है। 3500 से अधिक अध्यापक सर्वे में

शिक्षा विभाग की ओर से ड्रापआउट बच्चों के लिए शुरू किए गए सर्वे में जिले से 3500 से अधिक शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों के स्कूल जाने की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। इन अध्यापकों में जेबीटी, पीआरटी और टीजीटी अध्यापक शामिल होंगे, जो सर्वे करेंगे। इन अध्यापकों को यह कार्य 10 मार्च को खत्म करना है।

शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों से ड्रापआउट हो चुके बच्चों के लिए शुरू किए गए सर्वे में कैथल जिले से 3500 से अधिक शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों के स्कूल जाने की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। इन अध्यापकों में जेबीटी, पीआरटी और टीजीटी अध्यापक शामिल हैं, जो यह सर्वे कर रहे हैं। सर्वे में अध्यापक घर में जाकर अभिभावकों से उनके परिवार में मौजूद बच्चों के स्कूल जाने की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। जो बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है, उसके नाम व माता-पिता व पते की जानकारी नोट की जा रही है।

वर्जन :

निदेशक के निर्देशानुसार स्कूलों में जाने की बजाय घरों में डोर-टू-डोर जाकर इन बच्चों की जानकारी हासिल की जा रही है। इससे उन बच्चों की सही जानकारी मिल पाएगी, जो स्कूल में बिल्कुल भी नहीं जाते हैं। यह अभियान पढ़ाई की दिशा में काफी कारगर साबित हो रहा है।

दलीप सिंह

डीईईओ, कैथल

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