गमलों में 100 पौधे लगाकर मकान को बनाया हरा-भरा

हरे-भरे पेड़ पौधे मनुष्य को सुख और सुकून प्रदान करते हैं। यह वायु प्रदूषण को भी कम करते हैं। यदि मकान के आस-पास पेड़-पौधे लगाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं हो तो छोटे-छोटे पौधे या फूल-पत्तियों को गमलों में लगाकर मकान के आसपास के वातावरण को हरा-भरा बनाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:21 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:21 AM (IST)
गमलों में 100 पौधे लगाकर मकान को बनाया हरा-भरा
गमलों में 100 पौधे लगाकर मकान को बनाया हरा-भरा

जागरण संवाददाता, कैथल: हरे-भरे पेड़ पौधे मनुष्य को सुख और सुकून प्रदान करते हैं। यह वायु प्रदूषण को भी कम करते हैं। यदि मकान के आस-पास पेड़-पौधे लगाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं हो तो छोटे-छोटे पौधे या फूल-पत्तियों को गमलों में लगाकर मकान के आसपास के वातावरण को हरा-भरा बनाया जा सकता है। इससे मकान की सजावट भी होगी, उसकी सुंदरता में वृद्धि होगी, प्रदूषण रहित शुद्ध हवा प्राप्त होगी और मन को शांति मिलेगी। कैथल के मॉडल टाउन निवासी सुंदर ने भी अपनी घर की छत व बालकनी में 35 तरह के 100 पौधे लगाकर घर को हरा भरा बना दिया है।

वे बताते हैं कि घर में पेड़-पौधे की बहुत जरूरत होती है। वे हमें ऑक्सीजन देते हैं और बीमारियों से भी छुटकारा दिलाते हैं। उनका कहना है कि कोरोना जैसी बीमारी से बचने के लिए ऑक्सीजन देने वाले पौधों की बहुत आवश्यकता है। इसलिए सभी को अपने घर की बालकनी व छत पर पौधे लगाने चाहिए ताकि मनुष्य को भरपूर ऑक्सीजन मिले।

गमलों में ही लगाए पौधे

सुंदर ने बताया कि घर के पास पर्याप्त जमीन नहीं होने के कारण अपनी बालकनी व छत पर गमले रखकर 100 पौधे लगाएं हुए है। फूलदार पौधों में चमेली, आपरात रानी, मधुकामिनी, जूही, मोगरा के पौधे लगाएं हुए है। वहीं घर पर घीया, कद्दू, तौरी करेला, बैंगन, हरी व लाल मिर्च, टमाटर, पुदीना, धनिया, नींबू व चीकू आदि फलों के पौधे लगे हुए हैं। उनका कहना है कि इस बगिया को वह अपने बच्चों की तरह पाल रहे हैं। प्रतिदिन सुबह व शाम को पौधों में पानी देते है। वहीं इस बागवानी से जहां उनका समय व्यतीत हो जाता है, वहीं उन पौधों से उन्हें सब्जियां व फल भी प्राप्त होते हैं। जबकि खिले फूलों को देखकर मन हर्षित हो जाता है। मौसम के अनुसार पौधों की विशेष देखभाल रखते हैं।

नीम, पीपल, शहतूत के पौधे लगा चुके

सुंदर ने बताया कि शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मंदिर व सड़क के किनारे बरगद, नीम, पीपल, शहतूत के पौधे लगा चुके हैं। उनकी भी विशेषकर देखभाल रखते हैं। वन विभाग से मिलकर सभी पौधों को ट्री गार्ड लगवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य को जीने के लिए ऑक्सीजन की काफी जरूरत होती है, इसलिए पेड़ पौधों को लगाकर पर्यावरण के साथ- साथ ऑक्सीजन प्राप्त कर सकते है। उनका कहना है कि परिवार का हर सदस्य इस काम में पूरा सहयोग कर रहा है। वहीं जैविक सब्जियां उगाई हुई हैं। बाहर से कम ही सब्जियां लेकर आते हैं।

गिलोय का रस कर रहे तैयार

सुंदर ने बताया कि उन्होंने गिलोय की बेल लगाई हुई है। उसका रस तैयार कर कालोनी के लोगों को पिला रहे हैं। गिलोय का रस पीने से खासी, जुकाम व बुखार के मरीज जल्दी ठीक होते हैं। इन बीमारियों को दूर किया जाए, इसलिए उन्होंने कालोनी में रस पिलाने की ठानी है।

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