सीबीएसई के विद्यार्थी बोले-परीक्षा रद का फैसला गलत
कैथल केंद्रीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 10वीं की परीक्षा रद करने और 12वीं कक्षा की परीक्षा को स्थगित करने के फैसले पर विद्यार्थियों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। एक तरफ जहां इस फैसले से 10वीं कक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थियों में खुशी का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ 12वीं कक्षा के विद्यार्थी इस फैसले को गलत बता रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : केंद्रीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 10वीं की परीक्षा रद करने और 12वीं कक्षा की परीक्षा को स्थगित करने के फैसले पर विद्यार्थियों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। एक तरफ जहां इस फैसले से 10वीं कक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थियों में खुशी का माहौल है तो वहीं, दूसरी तरफ 12वीं कक्षा के विद्यार्थी इस फैसले को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार द्वारा परीक्षा को स्थगित करना गलत हैं। क्योंकि वह पिछले कई महीनों से तैयारी कर रहे हैं। अब अचानक परीक्षा स्थगित करने से उनकी तैयारी पर प्रभाव पड़ेगा और वह आने वाले समय में स्वयं को किस प्रकार से तैयार कर पाएंगे। इसे लेकर भी अब संशय बन गया है।
परीक्षा स्थगित करने का निर्णय गलत
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12वीं कक्षा के विद्यार्थी सोमेश रत्न ने कहा कि सरकार द्वारा सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा स्थगित करने का निर्णय गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सरकार को इसमें बीच का रास्ता निकालना चाहिए। इसमें वह कम संख्या में विद्यार्थियों को बुलाकर परीक्षा ले सकते हैं।
ऑनलाइन माध्यम से ली जाए
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12वीं कक्षा के विद्यार्थी हर्षित मलिक ने कहा कि परीक्षा स्थगित नहीं की जानी चाहिए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए विद्यार्थियों की ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा ले ली जाए। इससे न तो विद्यार्थियों को कोई परेशानी होगी और न ही बोर्ड को विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण को लेकर कोई खतरा रहेगा।
फैसले पर विचार करे सरकार
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12वीं कक्षा के विद्यार्थी केतन मंगल का कहना है कि 12वीं की परीक्षा स्थगित करने से देश के लाखों विद्यार्थियों को नुकसान होगा। सरकार को इस पर एक बार दोबारा विचार किया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों को अधिक कठिनाई नहीं हो। यदि हो सके तो इस फैसले को वापस लेना चाहिए।
परीक्षा रद करने का फैसला गलत
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10वीं कक्षा के विद्यार्थी भुवनेश सरदाना ने कहा कि दसवीं की परीक्षा को रद करने का फैसला बिल्कुल गलत है। बोर्ड को 12वीं कक्षा की तरह ही स्थगित कर दिया जाना चाहिए। यदि विद्यार्थी परीक्षा ही नहीं देंगे तो वह अपनी पढ़ाई को लेकर किस प्रकार से जानकारी जुटा पाएंगे कि वह कितना पढे़ हैं।
फैसले पर विचार हो
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10वीं कक्षा के विद्यार्थी प्रांजल रहेजा ने कहा कि पिछले वर्ष भी जब परीक्षाएं शुरू हुई तो कोरोना महामारी के कारण बची हुई परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया था। इस बार तो परीक्षा शुरू ही नहीं हुई तो इससे पहले ही इसे रद करने का फैसला ले लिया गया, जो सही नहीं है। इस पर विचार करना चाहिए।
फैसले का करते हैं स्वागत
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12वीं कक्षा के विद्यार्थी आभास गुंबर ने कहा कि परीक्षा को स्थगित करने का फैसला सरकार ने महामारी को लेकर सोच समझकर लिया गया है। इसमें सरकार ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखा है। सरकार जो फैसला लेती है हमें उसका स्वागत करना चाहिए।
विकल्पों का प्रयोग हो
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12वीं कक्षा के विद्यार्थी मनराज चीमा ने कहा कि कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों में सरकार के पास आड-ईवन और ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा करवाने का एक अच्छा विकल्प बचता है। सरकार को चाहिए कि वह परीक्षा रद और स्थगित न कर इन विकल्पों को परीक्षाएं करवाने में प्रयोग कर सकती है।
ऑनलाइन करवाएं परीक्षा
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कैथल : अभिभावक आशु सरदाना ने कहा कि जब कालेजों में परीक्षा लगातार संचालित की जा रही हैं तो स्कूलों में परीक्षा को क्यों रद किया जा रहा है। यह गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सरकार को स्कूलों में बोर्ड की कक्षाओं की परीक्षा को ऑनलाइन माध्यम से करवाना चाहिए।
ऐसा फैसला जरूरी : लाभ सिंह
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राधा कृष्ण स्कूल के प्रिसिपल लाभ सिंह लैलर ने कहा कि सरकार ने परीक्षा को रद करने और स्थगित करने का जो फैसला लिया है। यह विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है। इससे कोरोना महामारी से बचा जा सकेगा। इस समय कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए ऐसा फैसला लिया जाना जरूरी था।