विद्यार्थियों को विषय संयोजन के कारण नहीं मिल रहे मनपसंद के कालेज

कालेजों में ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया विद्यार्थियों और कालेज स्टाफ सदस्यों के लिए जी का जंजाल बनी है। कोरोना महामारी के कारण इस बार दो बार दोबारा पोर्टल खोलने की तिथि को बढ़ाया गया है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:20 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:20 AM (IST)
विद्यार्थियों को विषय संयोजन के कारण  नहीं मिल रहे मनपसंद के कालेज
विद्यार्थियों को विषय संयोजन के कारण नहीं मिल रहे मनपसंद के कालेज

जागरण संवाददाता, कैथल : कालेजों में ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया विद्यार्थियों और कालेज स्टाफ सदस्यों के लिए जी का जंजाल बनी है। कोरोना महामारी के कारण इस बार दो बार दोबारा पोर्टल खोलने की तिथि को बढ़ाया गया है, जिसका कारण विद्यार्थियों को आधी-अधूरी जानकारी होना है। बता दें कि अभी भी जिले के कालेजों में 30 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली हैं। जिले में दस निजी और पांच राजकीय कालेज हैं। इस बार प्रोफेशनल कोर्सों में भी काफी कम आवेदन आ रहे हैं और स्थिति यह है कि केवल बीस प्रतिशत सीटों में भी अब तक दाखिला हो पाया है। इस बार दाखिला प्रक्रिया में सबसे बड़ी खामी है यह कि अच्छे अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को विषय संयोजन के कारण उनके पसंद के कालेज नहीं मिले। कालेज के साथ ही पसंद के विषय भी नहीं मिले हैं। दूसरी बड़ी समस्या यह है कि आवेदन करने विद्यार्थियों की ओर से बार बार आवेदन करवाया जा रहा है। इससे साइबर कैफे हाउस संचालकों की चांदी बनी है।

दाखिला प्रक्रिया में यह

कमियां आ रही सामने :

1. दस्तावेज वेरिफिकेशन मेरिट सूची मिल जाता था। जारी करने से पहले किए गए, जबकि पहले प्रोवजिनल सूची जारी होने के बाद किए जाते थे।

2. दस्तावेज वेरिफिकेशन के काम को पहले केवल राजकीय कालेज शामिल किए गए, विरोध करने के बाद एडिड कॉलेज भी शामिल कर लिए गए। लेकिन सेल्फ फाइनेसिग कालेजों को इससे दूर रखा गया। अब सेल्फ फाइनेसिग कॉलेज विरोध जता रहे हैं। जिससे दाखिला प्रक्रिया पर दुष्प्रभाव पड़ा है।

3. इस बार आवेदकों की सूची कालेजों को जारी नहीं की गई, जबकि पूर्व में प्रत्येक आवेदन फॉर्म संबंधित कालेज को ऑनलाइन मला जाता था।

4. मेरिट सूची पर ही सवाल उठा रहे है। अधिक अंक होने पर भी कई विद्यार्थियों का नाम मेरिट सूची में नहीं है।

5. विद्यार्थियों को फीस जमा करवाने के लिए यह कहकर केवल ऑनलाइन करने का विकल्प दिया गया कि कोरोना काल में कालेज में जाना वर्जित है, जबकि हैरानी की बात है कि इन दिनो में कालेजो में ऑफलाइन परीक्षाएं चल रही है।

6. कोरोना से बचाव के नियमों की उस समय धज्जियां उड़ जाती है, जब यही विद्यार्थी साइबर कैफेटेरिया में पैसे देकर ऑनलाइन फीस भरते हैं।

ऑफलाइन माध्यम से दाखिला देने के लिए छूट दी जानी चाहिए

एसएफआइ नेता गोलू बात्ता ने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया में विद्यार्थियों को परेशानी आ रही है तो विभाग को विद्यार्थियों को ऑफलाइन माध्यम से भी दाखिला देने के लिए छूट दी जानी चाहिए। इससे आवेदन करने में परेशान हुए विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।

खामियों को दूर किया जा रहा

उच्चतर शिक्षा विभाग के जिला नोडल अधिकारी ऋषिपाल बेदी ने बताया कि दाखिला प्रक्रिया में सभी प्रकार की खामियों को दूर किया जा रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है दाखिला संबंधी सभी कार्य ऑनलाइन माध्यम से हो रहे हैं। इसलिए विद्यार्थियों में कुछ संशय बना है। जिस भी किसी भी विद्यार्थी को कोई परेशानी होती है तो इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी की है। जिस पर विद्यार्थियों जानकारी ले सकते हैं।

पहले दिन 60 विद्यार्थियों ने जमा करवाई फीस

कैथल : आरकेएसडी कालेज में स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के लगभग 60 विद्यार्थियों ने पहले दिन कालेज परिसर में आकर फीस जमा करवाई। कोरोना गाइडलाइन का अनुसरण करते हुए विद्यार्थियों एवं कालेज के स्टाफ ने सुचारू ढंग से इस प्रक्रिया को पूर्ण करवाया। प्राचार्य डा. संजय गोयल ने बताया की फीस भरने के लिए अलग-अलग फीस डेस्क बनाए गए हैं। सुबह 9 से 12 स्नातक द्वितीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के विद्यार्थी व दोपहर 12 से तीन बजे तक तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को फीस भरने का शेड्यूल बनाया गया है।

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