पांच साल में एक बार लगाया स्ट्रीट लाइटों का टेंडर, करना पड़ा था रद

शहर के वार्डो में खराब स्ट्रीट लाइटों की समस्या बनी हुई हैं। पार्षदों का पांच साल का कार्यकाल निकल गया लेकिन इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया। नगर परिषद अधिकारियों ने लाइटों की समस्या को लेकर गंभीरता से काम नहीं किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 05:21 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 05:21 PM (IST)
पांच साल में एक बार लगाया स्ट्रीट लाइटों का टेंडर, करना पड़ा था रद
पांच साल में एक बार लगाया स्ट्रीट लाइटों का टेंडर, करना पड़ा था रद

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर के वार्डो में खराब स्ट्रीट लाइटों की समस्या बनी हुई हैं। पार्षदों का पांच साल का कार्यकाल निकल गया, लेकिन इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया। नगर परिषद अधिकारियों ने लाइटों की समस्या को लेकर गंभीरता से काम नहीं किया। नगर परिषद की तरफ से करीब दो साल पहले वार्डो में नई स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए टेंडर लगाया था। हर वार्ड में पांच-पांच लाख रुपये की नई एलईडी लाइटें लगाई जानी थी। नप की जेई शाखा ने सभी वार्डो का निरीक्षण किया था। किस वार्ड में कितनी लाइटों की जरूरत है इसकी पूरी जानकारी तैयार की गई थी। टेंडर की राशि डेढ़ करोड़ रुपये थी, जिसके कारण टेंडर खोलने की अनुमति लेने के लिए फाइल को शहरी स्थानीय निकाय विभाग भेज दिया गया था। निदेशालय से टेंडर खोलने की अनुमति नहीं मिली और अंत में टेंडर रद करने पड़े। उसके बाद से कोई टेंडर नहीं लगाया गया। अगर टेंडर खोल दिए जाते तो सभी वार्डो में पांच-पांच लाख रुपये की नई एलईडी लाइटें लग जाती। दस साल पहले वार्डो में लाइटें लगी थी, जिनमें से ज्यादातर खराब ही रहती हैं। साल में खर्च हो रहे करीब 24 लाख

नगर परिषद की तरफ से पहले वार्डो को चार जोन में बांटा हुआ था। सभी जोन के अलग-अलग लाइटों की रिपेयर का टेंडर दिया जाता था। उस समय करीब ढाई लाख रुपये महीने के खर्च होते थे। एक साल पहले शहर के सभी वार्डो में खराब लाइटों की रिपेयर का टेंडर दिया गया था। इस टेंडर पर महीने में करीब दो लाख रुपये खर्च किए गए थे। अक्टूबर माह में यह टेंडर खत्म हो जाएगा। वार्डो में दस हजार 200 लाइटें हैं, जिनमें से दो हजार खराब हैं। इतनी राशि खर्च होने के बाद भी वार्डो में लाइट व्यवस्था ठीक नहीं है। हर वार्ड में 50 से 60 लाइटें खराब हैं। शिकायत मिलने पर ही ठेकेदार के कर्मचारी लाइटों को ठीक करने के लिए जाते हैं। हालांकि शहरी स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से सभी जिलों में नई एलईडी लाइटें लगाने के लिए एक एजेंसी को टेंडर दिया हुआ है। अभी तक एजेंसी ने शहर में कोई काम शुरू नहीं किया गया है। करीब दो साल से एजेंसी के कारण ही नप अपने स्तर पर नई लाइटें नहीं लगवा पा रही है।

वर्जन

नई लाइटों के लिए टेंडर लगाने का कार्य उच्च अधिकारियों के स्तर पर होता है। उनके पास जिस भी वार्ड से खराब लाइट की शिकायत आती है उसी समय समस्या को दूर कर दिया जाता है।

सोमबीर, लाइट शाखा इंचार्ज, नगर परिषद।

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