अब तक मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत 4449 किसानों ने पोर्टल पर करवाया पंजीकरण

जिलेभर में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत चार हजार 449 किसानों ने अब तक पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। इसमें कैथल ब्लाक के सबसे ज्यादा 1218 किसानों व ढांड ब्लाक के सबसे कम 300 किसानों की संख्या रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:34 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:34 AM (IST)
अब तक मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत 4449 किसानों ने पोर्टल पर करवाया पंजीकरण
अब तक मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत 4449 किसानों ने पोर्टल पर करवाया पंजीकरण

जागरण संवाददाता, कैथल : जिलेभर में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत चार हजार 449 किसानों ने अब तक पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। इसमें कैथल ब्लाक के सबसे ज्यादा 1218 किसानों व ढांड ब्लाक के सबसे कम 300 किसानों की संख्या रही हैं। बता दें कि किसानों को धान की जगह मक्का, कपास, मूंग, अरहर, मोठ, उड़द, ग्वार, सोयाबीन, तिल मूंगफली फसलों की बिजाई करने के लिए विभाग की तरफ से जागरूक किया जा रहा है। हर वर्ष किसानों द्वारा धान की रोपाई का रकबा बढ़ाया जा रहा था। धान का रकबा बढ़ने के साथ जिले में भूजल स्तर गिरता जा रहा है। अब सरकार ने जल संरक्षण के लिए किसानों को धान की बजाय अन्य फसलों की बिजाई कराने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की हुई है ताकि भूमिगत पानी की बचत हो।

ये है योजना का लाभ

योजना के तहत किसानों को जोड़कर जल संरक्षण के साथ-साथ किसानों को धान की फसल की रोपाई न करके अन्य फसल उगाने पर सरकार प्रति एकड़ सात हजार रुपये अनुदान राशि देगी। धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को भी पांच हजार रुपये एकड़ विभाग की तरफ से देने की योजना है। ढाई एकड़ तक धान की सीधी बिजाई वाले किसान लाभ ले सकते हैं।

पोर्टल पर अब तक चार हजार 449 किसानों का हुआ पंजीकरण

कैथल जिले के अब तक चार हजार 449 किसानों ने पंजीकरण करवाया है। इसमें कैथल ब्लाक के सबसे ज्यादा 1218 किसान है। गुहला में 1015, कलायत में 686, पूंडरी में 385, राजौंद में 507, सीवन में 338 व ढांड के 300 किसानों ने पंजीकरण करवाया है।

मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत पंजीकरण करवाने की अंतिम तिथि आज है। किसानों को धान की जगह कम पानी वाली फसलों को उगाने के लिए जागरूक किया किया जा रहा है। किसानों को पंजीकरण करवाने के लिए विभाग की तरफ से कैंप लगाकर जागरूक किया।

- डा. कर्मचंद, उपनिदेशक कृषि एवं कल्याण विभाग।

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