क्योड़क के संस्कृति माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नहीं सुलझ रहा एसएमसी कमेटी विवाद, डीईओ से मिले ग्रामीण

सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क के राजकीय संस्कृति माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) का विवाद नहीं सुलझ रहा है। जुलाई में नई बनाई गई प्रबंधन समिति का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने अपनी मर्जी से पुराने कमेटी के सदस्यों को नियुक्त कर दिया जो नियमों के खिलाफ है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:08 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:08 AM (IST)
क्योड़क के संस्कृति माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नहीं सुलझ रहा एसएमसी कमेटी विवाद, डीईओ से मिले ग्रामीण
क्योड़क के संस्कृति माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नहीं सुलझ रहा एसएमसी कमेटी विवाद, डीईओ से मिले ग्रामीण

जागरण संवाददाता, कैथल : सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क के राजकीय संस्कृति माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) का विवाद नहीं सुलझ रहा है। जुलाई में नई बनाई गई प्रबंधन समिति का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने अपनी मर्जी से पुराने कमेटी के सदस्यों को नियुक्त कर दिया, जो नियमों के खिलाफ है। इसी मामले को शुक्रवार को मौजूदा स्कूल प्रबंधन कमेटी के सदस्य जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा से मिले। इस सदस्यों के साथ कुछ ग्रामीण भी मौजूद रहे। कमेटी के सदस्यों ने प्रधानाचार्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की मांग की। इस पर डीईओ ने कमेटी को आश्वासन दिया कि इस मामले पर समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम अधिकारी कुलदीप फौगाट जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही इस पर फैसला हो पाएगा।

बिना जानकारी ही भंग की कमेटी

स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान ललित जांगड़ा ने बताया कि स्कूल के प्रधानाचार्य ने अपनी मनमर्जी से ही उनकी कमेटी को भंग करके पुरानी कमेटी को ही मान्य कर दिया। जबकि नियमों के अनुसार नई कमेटी का गठन जुलाई माह में किया गया था। जांगड़ा ने बताया कि पूरे गांव के लोगों की सहमति से ही उन्हें एसएमसी का प्रधान नियुक्त किया गया था। नियमों के तहत नई कमेटी का गठन होने के तीन साल तक कोई कमेटी भंग नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि विभाग ने निष्पक्ष जांच नहीं की तो वह मुख्यालय के आला अधिकारियों व शिक्षा मंत्री तक यह शिकायत पहुंचाएंगे।

विद्यालय की एसएमसी कमेटी में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं है। यह मामला ग्रामीणों का आपस का है। ललित जांगड़ा को नया प्रधान नियुक्त जरूर किया गया था, लेकिन कमेटी के पुराने प्रधान सुरेश ने एक साल शेष रहने की जानकारी दी। नियमों के तहत विभाग के आदेशों के अनुसार पुराने प्रधान को ही एक साल का समय और दिया गया। अब ग्रामीणों के बने दो पक्षों के बीच ही यह विवाद है। मुझ पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।

- रकम सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय संस्कृति माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कैथल।

इस पर जांच की जा रही है। सोमवार को दोनों पक्षों को बुलाकर इस मामले का निपटारा कर दिया जाएगा। स्कूल प्रबंधन समिति को लेकर किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होने दिया जाएगा।

- कुलदीप फौगाट, जिला कार्यक्रम अधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान, कैथल।

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