स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार की मांग को लेकर एसएफआइ ने सीएम को भेजा ज्ञापन
एसएफआइ की राज्य कमेटी के आह्वाहन पर करोना महामारी के चलते आम नागरिकों को आ रही विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रदेशभर के लगभग सभी जिलों से मुख्यमंत्री को ई मेल के द्वारा ज्ञापन भेजा गया।
जागरण संवाददाता, कैथल :- एसएफआइ की राज्य कमेटी के आह्वाहन पर करोना महामारी के चलते आम नागरिकों को आ रही विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रदेशभर के लगभग सभी जिलों से मुख्यमंत्री को ई मेल के द्वारा ज्ञापन भेजा गया।
ऑनलाइन विरोध जताते हुए जिला अध्यक्ष अजय बहादुर ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर पहले की लहर से कहीं अधिक भयंकर साबित हो रही है। संक्रमितों की संख्या व इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव ने संकट को ज्यादा गंभीर बनाया है। लोग इलाज के अभाव में भारी परेशानियां झेल रहे हैं।
ऐसे हालात में गरीब जनता व किसान, मजदूर, छात्र, नौजवानों को यह संकट दो तरफा ढंग से प्रभावित कर रहा है। एक तरफ बीमारी से लड़ना व बचना है और दूसरी तरफ भूखे मरने से बचना है क्योंकि जीवनयापन के लिए आर्थिक गतिविधियां काफी कम हो गई है। इसका सबसे बुरा असर उन पर दिखा है, जो हर दिन काम करके गुजारा करते हैं । इसलिए आपदा के समय स्टूडेंट्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से पत्र लिखकर कुछ सुझाव दे रहे हैं।
हम कहना चाहते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण के समय काम कर रहे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ , आशा वर्कर्स, सफाई कर्मी, मजदूर, छात्रों और कर्मचारियों की निजी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
बाक्स-इन मांगों की तरफ ध्यान दे सरकार
-सभी जरूरतमंद मरीजों के लिए ऑक्सीजन व जरूरी दवाइयों और रीमेडेसिवर इंजेक्शन की उपलब्धता हो।
-सभी गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर उपलब्ध हो, सिविल अस्पताल के सभी वेंटीलेटर शुरू किए जाएं।
-डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती जल्द से जल्द की जाए।
-निजी अस्पतालों की लूट , खसोट पर रोक लगे और ऑक्सीजन व आईसीयू बेड के चार्जेस कम किए जाएं।
-कोविड मरीजों की जानकारी, ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता, वेंटिलेटर व अन्य जानकारियां सिगल विडो पर उपलब्ध हो।
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , उप स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधा दी जाए।
-लॉकडाउन की वजह से मजदूर और छोटे किसानों की आमदनी बंद हो गई है, इसलिए उन्हें 7500 रुपये प्रति महीना दिया जाए।
-प्रवासी मजदूर जो लॉकडाउन के समय अपने घर जाना चाहते हैं उनके घर जाने का प्रबंध किया जाए।