आरटीए कार्यालय की कार्यप्रणाली से ट्रांसपोर्टर खफा
कैथल भाईचारा ट्रांसपोर्टर के सदस्य आरटीए कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली से खफा हैं। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि आरटीए विभाग की तरफ से उनके कार्य को समय पर पूरा नहीं किया जाता है।
जागरण संवाददाता, कैथल : भाईचारा ट्रांसपोर्टर के सदस्य आरटीए कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली से खफा हैं। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि आरटीए विभाग की तरफ से उनके कार्य को समय पर पूरा नहीं किया जाता है। आरटीए द्वारा पांच फीसद ज्यादा माल होने पर चालान किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से पांच फीसद तक ट्रांसपोर्टरों को छूट दी हुई है। ट्रैक्टर ट्रालियों में माल की ढुलाई करना नियमों के खिलाफ है, उसके बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। अधिकारियों से मिलकर ट्राली व ट्रैक्टरों से माल ढो रहे हैं। इससे काम धंधा पर असर पड़ रहा है। इसलिए ट्रांसपोर्टर परेशान हो चुके हैं। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए। अन्यथा सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।
बाहर की गाड़ियों का नहीं करते रजिस्ट्रेशन : गुलशन
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ट्रांसपोर्टर गुलशन ने बताया कि बाहर से जो गाड़ी लेकर आते हैं, उसको रजिस्ट्रेशन स्थानीय स्तर पर ट्रांसफर नहीं किया जाता है। कई- कई दिनों तक चक्कर काटते है। उसके बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। आरटीए कार्यालय द्वारा कागजी कार्रवाई में कमी निकाली जा रही है।
टैक्स में नहीं दी जा रही छूट- हैप्पी
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ट्रांसपोर्टर हैप्पी ने बताया कि कोरोना के कारण टैक्स में 31 मार्च तक छूट दी गई थी, लेकिन टैक्स नहीं भरने पर विभाग की तरफ से जुर्माना लगाया जा रहा है। कोरोना में ट्रांसपोर्टर्स का काम धंधा ठप पड़ा था। अब धीरे- धीरे बढ़ोतरी होना शुरू हुई है।
कार्यालय में चारों तरफ से गेट है बंद : कुलवंत
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ट्रांसपोर्टर कुलवंत ने बताया कि आरटीए कार्यालय में कोई मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही है। पीने के पानी से लेकर शौचालयों पर ताला जड़ा हुआ है, कई बार ताला खुलवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। कागज कार्रवाई के लिए जब कार्यालय जाते है, तो परेशान होना पड़ता है।
वाहनों की समय पर नहीं होती पासिग : राजेश
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ट्रांसपोर्टर राजेश कुमार का कहना है कि समय पर वाहनों की पासिग नहीं की जाती है। अधिकारी नहीं मिलते हैं। कई- कई दिन बिना पासिग के गाड़़ी खड़ी रहती है। इससे घाटा सहन करना पड़ता है। वाहनों में सभी तरह की सुविधा होने के बाद कमी निकाली जा रही है। परेशान हो चुके है।
फोन पर संपर्क नहीं
आरटीए सत्यवान मान से जब इस विषय पर बातचीत करनी चाही तो 10 बजे न तो कार्यालय में मिले और न ही हर बार की तरह फोन उठाया।