राहत : दो दिन बाद शहर से उठाया कचरा

डोर टू डोर कचरा उठाने वाली एजेंसी की तरफ से दो दिन बाद शहर से कचरे का उठान किया गया है। शुक्रवार को एजेंसी के कर्मचारियों ने वेतन ना मिलने के कारण काम छोड़ दिया था। एजेंसी संचालक ने दो महीने का बकाया वेतन देने के लिए कर्मचारियों से एक सप्ताह का समय मांगा है। उठान ना होने के कारण शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 06:17 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 06:17 AM (IST)
राहत : दो दिन बाद शहर से उठाया कचरा
राहत : दो दिन बाद शहर से उठाया कचरा

जागरण संवाददाता, कैथल : डोर टू डोर कचरा उठाने वाली एजेंसी की तरफ से दो दिन बाद शहर से कचरे का उठान किया गया है। शुक्रवार को एजेंसी के कर्मचारियों ने वेतन ना मिलने के कारण काम छोड़ दिया था। एजेंसी संचालक ने दो महीने का बकाया वेतन देने के लिए कर्मचारियों से एक सप्ताह का समय मांगा है। उठान ना होने के कारण शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए थे। घरों से भी एजेंसी के वाहन कचरे का उठान नहीं कर पाए थे। वहीं गोपाल गोशाला के पीछे बने डंपिग यार्ड पर भी आस-पास के लोगों ने ताला लगा दिया था। नप ईओ रविद्र कुमार ने मौके पर जाकर ताला खुलवाया था। शनिवार सुबह ही एजेंसी ने कचरे का उठान किया और डंपिग यार्ड में कचरा डाला, जिससे शहर के लोगों ने भी राहत की सांस ली।

बता दें कि गोपाल गोशाला के पीछे नगर परिषद की तरफ करीब 60 लाख रुपये की लागत से डंपिग यार्ड तैयार किया गया था। एजेंसी को रोजाना कचरे का निस्तारण करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। ऐसे में यार्ड में कचरे के ढेर लग गए हैं और उसकी बदबू से आस-पास रहने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बता दें कि शहर से रोजाना करीब 70 टन कचरे का उठान होता है।

खुराना रोड स्थित डंपिग यार्ड पर चल रहा काम

नगर परिषद की तरफ से करीब पांच सालों से खुराना रोड स्थित डंपिग यार्ड पर कचरा डाला जा रहा था। वहां हजारों टन कचरा एकत्रित हो गया था। ऐसे में नप की तरफ से डंपिग यार्ड को खाली करने के लिए ठेका दिया हुआ है। इस कार्य पर करीब पांच करोड़ 20 लाख रुपये खर्च होने हैं। एजेंसी की तरफ से निस्तारण का काम भी सुचारू रूप से किया जा रहा है।

यह यार्ड पांच एकड़ में फैला हुआ है। अब इस यार्ड के खाली होने के बाद यहां दोबारा से कचरा डालने का काम किया जाएगा। शनिवार से कचरे का उठान शुरू हो चुका है। एजेंसी के बिल क्यों अटके हुए हैं इसके बारे में जानकारी हासिल की जाएगी।

रविद्र कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद।

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